CM योगी ने अधिकारियों के साथ की उच्चस्तरीय बैठक, नए शहरों की स्थापना के लिए मांगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शहरों के नियोजित एवं स्थिर विकास के लिए आवास एवं उससे संबद्ध अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता…
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शहरों के नियोजित एवं स्थिर विकास के लिए आवास एवं उससे संबद्ध अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता को आवश्यक बताते हुए कहा कि टाउनशिप का न्यूनतम क्षेत्रफल 25 एकड़ तक किया जाना चाहिए. मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा जारी बयान में यह जानकारी दी गई.
बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में नवीन शहरों की स्थापना के लिए अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर प्रदेश की नवीन टाउनशिप नीति-2022 के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आवास निर्माण के लिए भूमि पहली आवश्यकता है. निवेशकों को भूमि की उपलब्धता आसानी से हो सके, इसके लिए भूमि जुटाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना आवश्यक है.
सीएम योगी ने कहा कि भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को और अधिक सरल किया जाए और पूर्व के अनुभवों को देखते हुए विभिन्न स्वीकृतियों व अनापत्तियों के लिए एकल खिड़की प्रणाली की व्यवस्था की जाए.
योगी के अनुसार, भूमि का उपयोग सुनिश्चित किये जाने के लिए ‘वर्टिकल डेवलपमेंट’ को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि टाउनशिप का न्यूनतम क्षेत्रफल 25 एकड़ तक किया जाना चाहिए और 50 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल की परियोजना में लीड मेम्बर की रियल एस्टेट में अनुभव की अनिवार्यता का प्रावधान किया जाए.
उन्होंने हिदायत दी कि राज्य के प्रत्येक विकास प्राधिकरण द्वारा अपने क्षेत्र में एक सर्वसुविधायुक्त कन्वेंशन सेंटर तैयार किया जाए और यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता के साथ किया जाना चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि समाज के प्रत्येक परिवार को उसकी आर्थिक क्षमतानुसार आवास की सुविधा उपलब्ध हो सके. यह भी आवश्यक है कि ग्राहकों के साथ-साथ भू-स्वामियों एवं किसानों के हितों का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाए.
उन्होंने कहा कि परियोजना की स्वीकृति के साथ ही उसकी पूर्णता की समय-सीमा भी तय की जाए। यह समय-सीमा स्पष्ट हो व सभी के लिए बाध्यकारी हो. योजना की शुरुआत के समय कुल परियोजना क्षेत्रफल की न्यूनतम भूमि के सम्बन्ध में स्पष्ट प्रावधान हों.
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