अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का खुलेगा ताला या रहेगा बंद? हाईकोर्ट ने दिया ये बड़ा आदेश
अमेठी (Amethi News) के संजय गांधी अस्पताल को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने सीएमओ के आदेश पर रोक…
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अमेठी (Amethi News) के संजय गांधी अस्पताल को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने सीएमओ के आदेश पर रोक लगाई है. लखनऊ बेंच ने संजय गांधी अस्पताल को बंद करने के आदेश पर रोक लगा दी है. ये फैसला जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस मनीष कुमार की बेंच ने दिया है.
इसी के साथ हाईकोर्ट ने सीएमओ को फटकार भी लगाई है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ कहा कि एक चूक की वजह से अस्पताल बंद नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि अस्पताल को बंद करने से, ऑपरेशन सुविधा बंद होने से, आसपास के लोगों का जो नुकसान हुआ होगा, उसकी ना तो भरपाई हो सकती है और उसका ना ही आंकलन किया जा सकता है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि संजय गांधी अस्पताल है ना की कोई पॉली क्लिनिक है. संजय गांधी अस्पताल में ऑपरेशन होते है.
अस्पताल बंद नहीं किया जा सकता- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये भी कहा कि अगर कोई चूक हुई है तो प्रशासन इसकी जांच करें और चेतावनी दे. प्रशासन बेहतर सुविधा देने का निर्देश जारी करें. मगर अस्पताल को बंद नहीं किया जा सकता है. इसी के साथ हाईकोर्ट ने सीएमओ के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार से 4 हफ्तों में इस मामले पर जवाब भी मांगा है.
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क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले मुसाफिरखाना के रामशहपुर गांव की रहने वाली दिव्या शुक्ला अपने परिजन के साथ पथरी का ऑपरेशन कराने के लिए संजय गांधी अस्पताल में आई थी. यहां उसे ऑपरेशन के दौरान इंजेक्शन दिया गया. मिली जानकारी के मुताबिक, इसके बाद वह उसकी हालत खराब हो गई और वह कोमा में चली गई. उसे लखनऊ रेफर किया गया. मगर यहां एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
बता दें की मरीज की मौत के बाद मृतका के परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल के सामने शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया था. परिजनों द्वारा अस्पताल से 1 करोड़ की सहायता राशि की मांग की गई. इसी के साथ आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. पीड़ित परिवार की तहरीर पर जिला प्रशासन की तरफ से अस्पताल के 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
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जारी हो गया था अस्पताल को बंद करने का आदेश
बता दें कि इस मामले में जिला अस्पताल के द्वारा संजय गांधी अस्पताल को नोटिस जारी किया गया था. इसके 48 घंटे बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल को बंद करने का आदेश जारी कर दिया था. इसके बाद अस्पताल की ओपीडी सेवाओं को भी बंद कर दिया गया. इस मामले के सामने आने के बाद इसपर सियासत भी हुई थी. कांग्रेस ने भाजपा पर निशाने साधे थे तो वहीं भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी इस फैसले पर अपना गुस्सा जाहिर किया था.
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