‘हुजूर ये सभी आरोप झूठे हैं’, पेशी पर आए मुख्तार अंसारी ने जज के सामने लगाई ये गुहार

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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में गुरुवार को बाहुबली मुख्तार अंसारी की बांदा जेल से वर्चुअल पेशी हुई. MP/MLA कोर्ट में माफिया मुख्तार अंसारी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराई गई. विशेष सत्र न्यायधीश कमलकांत श्रीवास्तव की बेंच के सामने मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में लगी धाराओं को हटाने के लिए बहस की. रणधीर सिंह ने एंबुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी को निर्दोष बताया और उसके उपर किए गए मुकदमे को झूठा बताया.

कोर्ट में बहस के दौरान मुख्तार के वकील ने दलील देते हुए कहा कि, ‘2013 में एंबुलेंस खरीदी जाती है और 15 साल से मुख्तार जेल में बंद है. 2021 में एंबुलेंस प्रकरण का मुकदमा नगर कोतवाली बाराबंकी में पूर्व ARTO पंकज सिंह की तहरीर पर लिखा जाता है. जिसमें मुख्तार अंसारी को अभियुक्त नहीं बनाया जाता है. मुकदमा लिखने के कुछ दिनों बाद पुलिस मुख्तार अंसारी को नामजद करती है, जो गलत है. 2022 में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा लिखा जाता है। ये मुकदमा उसी पर लगता है, जिसका गैंग चाट हो. ये सभीं धाराएं गलत लगाई गई है.’

कोर्ट में मुख्तार ने कही ये बात

वहीं कोर्ट में सुनावई के दौरान न्यायधीश कमलकांत श्रीवास्तव के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर मुख्तार अंसारी ने कहा कि, ‘हुजूर ये सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं. हमको इससे बरी किया जाए. हमसे एंबुलेंस मामले से कोई मतलब नहीं है.’

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क्या था एंबुलेंस मामला

जब मुख्तार अंसारी रोपड़ जेल में बंद था, तब उसे पंजाब के मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था. तब मुख्तार यूपी के बाराबंकी जिले की नंबर प्लेट लगी एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट पहुंचा था. इसके बाद बाराबंकी नगर कोतवाली में दो अप्रैल 2021 को इस मामले में तत्कालीन सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी पंकज सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

इस दिन आ सकता है फैसला

मुख्तार अंसारी के तीन वकील आज कोर्ट में मौजूद थे, जिसमें लखनऊ के अधिवक्ता निमेष, बांदा से आए नसीम हैदर और बाराबंकी के रणधीर सिंह सुमन एडवोकेट मौजूद थे. जज कमलकांत ने बहस के बाद आदेश को सुरक्षित कर लिया और 5 जून को फैसला देने तारीख लगा दी है. आपको बता दें कि ये फैसला मुख्तार अंसारी पर लगी धाराओं को हटाने या ना हटाने पर होगा. मुख्तार अंसारी ने पिछली तारीख में डिस्चार्ज अर्जी कोर्ट में डाली थी.

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