शाहजहांपुर: बांध से छोड़े गए पानी और बारिश के बाद उफान पर नदियां, फसलों को हुआ भारी नुकसान

विनय पांडेय

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

पहाड़ों पर बने बांध से छोड़े गए पानी और भारी बारिश के बाद शाहजहांपुर (Shahjahanpur News) में भी बाढ़ के हालात बन गए हैं. शाहजहांपुर की नदियां रामगंगा, बहगुल, गर्रा और खन्नौत उफान पर हैं, जिससे जलालाबाद तहसील के कई गांवों का संपर्क मार्ग टूट गया है. इसके अलावा नदी को पार करने वाला पैंटून पुल भी बह गया है. साथ ही धान और आलू की फसलें भी चौपट हो गई हैं.

हालांकि, जिला प्रशासन बाढ़ ग्रस्त इलाकों में मदद पहुंचाने का दावा कर रहा है, लेकिन ग्रामीण किसी प्रकार की कोई मदद ना मिलने की बात कह रहे हैं.

दरअसल, जलालाबाद तहसील की रामगंगा और बहगुल नदियों ने इलाके में भारी तबाही मचा दी है. वहीं नदी के किनारे मौजूद गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. इसके अलावा गांव को जोड़ने वाली सड़कें भी पानी में डूब गई हैं, जिससे लोगों की आवाजाही नहीं हो पा रही है.

वहीं जलालाबाद में कोलाघाट के पास बना पैटून पुल भी बह गया है. साथ ही कई संपर्क मार्ग भी बाढ़ के पानी से बह गए हैं. सबसे ज्यादा नुकसान कसारी अलहदादपुर और कोला गांव में हुआ है. बाढ़ के पानी से आजादपुर और पहरूआ गांव के लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

वहीं बाढ़ के हालातों का जायजा लेने पहुंचे मुख्य विकास अधिकारी ने मोटरसाइकिल चलाकर निरीक्षण किया. मुख्य विकास अधिकारी एसबी सिंह का कहना है, “लोगों से बातचीत की है, ग्रामीणों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है. लोगों की मांग है कि उन्हें नाव दी जाए, ताकि वह अपनी बची-कुची फसलों को बचा सके.”

उन्होंने आगे कहा कि जहां तक पानी का सवाल है तो पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है और गांव में बने घरों तक पानी नहीं जा पाया है. हालांकि कुछ इलाकों में संपर्क मार्ग डूब गए हैं, जिनको पानी कम होने पर दुरुस्त करवाया जाएगा.

फिलहाल प्रशासन के दावे और हकीकत बिल्कुल अलग है. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली है और उनकी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, जिससे खाने-पीने की समस्या बनी हुई है.

ADVERTISEMENT

शाहजहांपुर: बजरंगबली का मंदिर बचाने के लिए मुस्लिम शख्स बाबू अली ने दान कर दी एक बीघा जमीन

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT