अब्बास ने की थी पिता मुख्तार के निधन जुड़े कार्यक्रम में शामिल होने की मांग, SC ने दिया ये जवाब

यूपी तक

ADVERTISEMENT

Mukhtar Ansari, Abbas Ansari
Mukhtar Ansari, Abbas Ansari
social share
google news

Mukhtar Ansari News: सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी की उस याचिका पर सुनवाई बुधवार को 15 मई तक के लिए स्थगित कर दी जिसमें उन्होंने अपने दिवंगत पिता मुख्तार अंसारी से जुड़े एक छोटे से गैर-धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति मांगी थी.  लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने अब्बास अंसारी की ओर से पेश वकील से चार जून के बाद कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति के लिए नयी अर्जी दायर करने को कहा.

वकील ने अदालत को अवगत कराया कि विधायक 15 मई को अपने दिवंगत पिता के एक छोटे से गैर-धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति चाहते हैं और अब्बास अंसारी ने उनसे जुड़े किसी कार्यक्रम में भाग नहीं लिया है. शीर्ष अदालत ने वकील से तिथि बदलने को कहा, क्योंकि लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और पुलिस अधिकारी उसमें व्यस्त हैं.  पीठ ने कहा, 'आप इसे चार जून के बाद आयोजित क्यों नहीं करते? सरकार आपकी रिहाई के खिलाफ है और हम आपकी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हैं.'

 

 

शीर्ष अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या अब्बास अंसारी 40वें दिन के कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए थे, उनके वकील ने कहा, 'कब्र पर उपस्थिति आवश्यक होती है, इसलिए ऑनलाइन उपस्थिति सार्थक नहीं है. हमने सरकार को परेशान नहीं किया, हमने उन्हें सूचित किया कि हम उस अवसर का उपयोग करने को तैयार नहीं हैं.’’

 उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ने पीठ को सूचित किया कि सरकार ने वर्चुअल मोड के माध्यम से भागीदारी की सुविधा दी थी, लेकिन उन्हें फोन पर संदेश आया कि वह (अब्बास अंसारी) भाग नहीं लेना चाहते हैं. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को अब्बास अंसारी को अपने मृत पिता के 40वें दिन के कार्यक्रम में ऑनलाइन मोड के माध्यम से शामिल होने की अनुमति दे दी.

 

 

अपराधी से नेता बने मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को उत्तर प्रदेश के बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी. मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी को गत 30 मार्च को गाजीपुर में सुपुर्द-ए-खाक किया गया था.  मुख्तार अंसारी (63) के खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले थे.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT