पिता मुख्तार की मौत के बाद पहली बार सामने आई अब्बास की तस्वीर, इस हाल में दिखे

विनय कुमार सिंह

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Abbas Ansari News: अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने के लिए कासगंज जेल में बंद सपा विधायक अब्बास अंसारी को तीन दिन की कस्टडी परोल मिली है. इसी के चलते आज यानी बुधवार को अब्बास को कासगंज जेल से गाजीपुर जेल लाया गया. सुबह 9 बजे करीब अब्बास की गाजीपुर जेल में एंट्री हुई. उस दौरान की अब्बास की तस्वीर सामने आई है. तस्वीर में अब्बास को सफेद कुर्ता-पाजामा में देखा जा सकता है. साथ ही इस दौरान अब्बास बढ़ी हुई दाढ़ी मूछों में नजर आए. आपको बता दें कि अब्बास के लिए बैरक नंबर 10 आरक्षित की गई है. अब्बास 17 महीने बाद गाजीपुर पहुंचे हैं.

आपको बता दें कि अब्बास की फातिहा रस्म अदायगी शाम तक होगी. अब्बास अंसारी चाह कर भी गाजीपुर में होने के बावजूद एक भी रात अपने घर पर नहीं बिता पाएंगे. अब्बास पुलिस कस्टडी पैरोल पर हैं, इसलिए उन्हें रात जेल में ही बितानी पड़ेगी. अब्बास के तीन दिन  जेल में गुजरेंगे. इस दौरान उनकी अपने परिवार के लोगों से मुलाकात होती रहेगी. आपको बता दें कि अब्बास के लिए गाजीपुर जेल में और मोहब्बदबाद क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

 

 

अब्बास की याचिका पर SC ने ये कहा था

अपने पिता की फातिहा रस्म में शरीक होने की अनुमति मांगने संबंधी अब्बास की अर्जी न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष आई थी. पीठ ने कहा था कि रस्म में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार करने का कोई कारण नहीं है. पीठ ने कहा था, "यूपी के पुलिस महानिदेशक इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएं." 

पीठ ने कहा कि गाजीपुर जिला प्रशासन सत्यापित करेगा कि क्या 11 अप्रैल को अन्य रस्म होनी है और यदि हां, तो अब्बास को पुलिस हिरासत में उसमें शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.  न्यायालय ने कहा कि अब्बास को 11 और 12 अप्रैल को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जाए. न्यायालय ने कहा कि उन्हें 13 अप्रैल को वापस कासगंज जेल लाया जाए.    

 

28 मार्च को हुआ था मुख्तार का निधन

न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद, 28 मार्च को उत्तर प्रदेश में बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मृत्यु हो गई थी. गैंगस्टर से राजनीतिक नेता बने अंसारी खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज थे जिनमें से कुछ में उसे अदालत ने दोषी करार दिया था.

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