UP Tak पड़ताल: अग्निवीरों के लिए हो रहे दावे, इन 52 पूर्व सैनिकों की लटकी नियुक्ति का क्या?

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

एक ओर अग्निवीरों द्वारा 4 साल सेना में नौकरी के बाद उन्हें अच्छी जगहों पर नियुक्तियों के वादे किए जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ यूपी के वे पूर्व सैनिक हैं जिन्होंने सालों कश्मीर, सियाचिन और चीन बॉर्डर पर अपनी सेवाएं दीं और आज उनकी आर्थिक रक्षा करने के लिए कोई मौजूद नहीं है.

ऐसे में जब सालों सेना में नौकरी करने वालों की भर्तियां अटकी हों, तब सेना में मात्र 4 साल नौकरी के बाद नियुक्तियां मिलने की बातों पर संशय के बादल मंडराते हुए नजर आते हैं. सरकार तो वादे करती है, आदेश देती है, लेकिन ‘कागज’ विभागों में जाकर अटक जाते हैं.

इस मामले में यूपी तक ने जब एक साल पहले दस्तक दी थी तब और आज में सिर्फ एक फर्क आया और वह है सेना के उन 52 जवानों की जिंदगी में ‘लाचारी की बढ़ोतरी.’

पूरे मामले को विस्तार से जानिए-

वर्ष 2016 में Village Development Officer (VDO)/ ग्राम विकास अधिकारी के 3133 पदों पर भर्ती निकली थीं. इनमें से 156 पद पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित थे. UPSSSC द्वारा इनमें 125 को ही लिया गया, जिसमें से 70 को विथहेल्थ में रखा गया और बचे लोगों को ही UPSSSC द्वारा रिकमंड किया गया.

इसके लिए पूर्व सैनिकों को कंप्यूटर कोर्स करना कम्पलसरी था. 2018 में UPSSC द्वारा 52 सैनिकों के चयनित होने के बाद भी आयुक्त ग्राम विकास ने तैनाती नहीं दी. इसकी वजह कंप्यूटर कोर्स (CCC) का प्राइवेट एजेंसी NIELT से ना किया जाना बताई गई. जबकि UPSSSC द्वारा 2016 में आए भर्ती विज्ञापन में ऐसा कही जिक्र नहीं था.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

मिली जानकारी के अनुसार, सैनिकों का (CCC) कोर्स रक्षा मंत्रालय द्वारा कराया गया था. भारत सरकार तरह-तरह के कोर्स चलाती है. बता दें कि पूर्व सैनिकों के द्वितीय करियर के लिए तरह-तरह के कोर्स कराए जाते हैं, जिसमे कंप्यूटर कोर्स भी शामिल है.

दूसरी ओर इस संदर्भ में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 13 नवंबर 2019 ने भूतपूर्व सैनिकों के हित में आदेश देते हुए राज्य सरकार को 2 महीने के अंदर तैनाती देने का आदेश दिया था. इसे लेकर भूतपूर्व सैनिक कई बार यूपी में प्रदर्शन कर चुके हैं पर आज तक सुनवाई नहीं हुई.

यूपी तक जब इस मामले की पड़ताल करने ग्राम विकास विभाग के जॉइंट कमिश्नर राजेश कुमार के पास पहुंचा, तब उन्होंने स्वीकारा की यह मामला सालों से लंबित है. क्योंकि जो 52 सैनिक हैं उनके पास NIELT द्वारा प्राप्त CCC का सर्टिफिकेट नहीं है.

ADVERTISEMENT

जब यूपी तक ने कहा की उनके पास तो रक्षा मंत्रालय से दिया हुआ CCC सर्टिफिकेट है, तब इसपर राजेश कुमार ने कहा कि VDO की पोस्ट के लिए अधनीस्थ आयोग द्वारा NIELT का सर्टिफिकेट ही होना मान्य है.

ग्राम विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अधीनस्थ आयोग ने अखबार में जब इस भर्ती का विज्ञापन दिया था तब इसमें NIELT का कोई जिक्र नहीं था. इसके चलते सबने अप्लाई किया, एग्जाम दिया और पास भी हुए. इसके बाद केवल इस सर्टिफिकेट के ना होने के चलते चयनित लोग अब तक भटक रहे हैं.

यूपी तक ने जब ग्रामीण विकास राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम से इस मामले के बारे में जानकारी लेनी चाही, तो उन्होंने इसपर कुछ खास जानकारी नहीं दी. वह मुस्कुराते हुए बस इतना बोलीं, “योगी जी और मोदी जी के मार्गदर्शन में सब अच्छा होगा.”

ADVERTISEMENT

यूपी तक इसके बाद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चेयरमैन प्रवीण कुमार से मिलने पहुंचा. कुमार ने इस बारे में बातचीत करने से मना कर दिया और कहा कि यह मामला डबल बेंच में लंबित है, इसलिए वह इस मामले में कुछ भी नहीं बोलेंगे.

अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब इन 52 पूर्व सैनिकों को अब तक उनकी नियुक्ति नहीं मिली है, ऐसे में जब ‘अग्निवीर’ 4 साल बाद सेना से वापस आएंगे, तब उनके भविष्य का क्या होगा?

Video: अग्निपथ के खिलाफ आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने कहा- आर्मी के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT