जौनपुर आएं तो इन ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों पर जरूर जाएं, इन लजीज व्यंजनों का भी लें स्वाद

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भारत के महत्वपूर्ण पर्यटन शहरों में शामिल जौनपुर गंगा नदी के किनारे स्थित है. वाराणसी के पश्चिम में स्थित यह शहर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस शहर को मल्लपुरी, कमलपुरी, और वामनपुरी नामक तीन प्राचीन नगरों का एक संयोजन माना जाता है, जिन्होंने समय-समय पर इस क्षेत्र में शासन किया था.

इस शहर में स्थित ऐतिहासिक स्थलों और इसके स्थानीय संस्कृति का अनुभव करने आप यहां घूमने जा सकते हैं. जौनपुर के ऐतिहासिक स्थलों को बिना किसी परेशानी के देखने के लिए आपको अक्टूबर से मार्च के बीच में यहां जाना चाहिए, क्योंकि इस समय मौसम सुहावना रहता है.

जौनपुर में घूमने के लिए में कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जिनमें शार्की काल की इमारतों, अकबर द्वारा निर्मित शाही ब्रिज और शीटला चौकीया धाम पर्यटकों के मुख्य आकर्षण हैं.

ये हैं शहर के मुख्य पर्यटक स्थल-

मस्जिद लाल दरवाजा:

लाल दरवाजा जौनपुर के बेगमगंज मुहल्‍ले में स्थित है. इब्राहि‍म शाह शर्की के पुत्र महमूद शाह शर्की की पत्‍नी बीबी राजे ने इसका निर्माण करवाया था. मस्जिद का मुख्य दरवाजा लाल पत्‍थरों से बना है. इन लाल पत्थरों को चुनार से मंगवाया गया था. यह मस्जिद वर्तमान में ‘इस्‍लामी शि‍क्षा का उच्‍च केन्‍द्र’ के रूप में प्रति‍स्‍थापि‍त है. यह मस्जिद मालहानी रोड पर स्थित है. जौनपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर यह मस्जिद पड़ता है.

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शीतला माता चौकियां:

शीतला माता चौकियां का मंदिर काफी पुराना है. जौनपुर जिला प्रशासन की वेबसाइट के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि‍ चौकि‍यां देवी का मंदिर कुल देवी के रूप में यादवों या भरो द्वारा र्नि‍मित कराया गया, लेकिन भरों की प्रवृत्‍ति‍ को देखते हुए चौकि‍यां मंदिर उनके द्वारा बनवाया जाना अधि‍क युक्‍तिसंगत प्रतीत होता है. शीतला माता चौकियां का मंदिर जौनपुर सिटी रेलवे स्टेशन से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

अटाला मस्जिद:

अटाला मस्जिद को जौनपुर की जामा मस्जिद के नाम से जाना जाता है. इस मस्जिद की वास्तुकला मुगल वास्तुकला के अनुसार बनाया गया है और इसमें हिन्दू और इस्लामी शैली के शृंगारकला का बखूबी संयोजन किया गया है. इसकी शृंगारकला और नक्काशी बहुत ही आकर्षक हैं. अटाला मस्जिद जौनपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

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शाही किला:

जौनपुर में गोमती तट पर शाही किला स्‍थि‍त है. यहां की वास्तुकला, नक्काशी और स्थलीय धारोहर पर्यटकों का मन मोह लेती है. शाही किला के ऊपर एक विशाल गुंबद बना है. इसके पूर्वी द्वार और अधंर की तरफ मेहराबे आदि ही बची है. इसके सामने फाटक को मुनीम खां ने सुरक्षा के लिहाज से बनवाया था और इसे नीले और पीले पत्थरों से सजाया गया था. शाही किला के अंदर तुर्की शैली का हमाम और एक मस्जिद भी है.

शाही पुल:

शाही पुल गंगा नदी को पार करने का जरिया है. यह जौनपुर शहर को प्रमुख शहरों से जोड़ता है. यह भारत में अपने ढंग का अनूठा पुल है. इसकी मुख्‍य सड़क पृथ्‍वी तल पर बनाई गई है. यह पुल अपने आर्किटेक्चर, गहरी निर्माण और डिजाइन की वजह से आकर्षण का केंद्र बन चुका है. शाही पुल का र्नि‍माण अकबर के शासनकाल में करवाया गया था. पुल के मध्‍य में चतुर्भुजाकार चबूतरे पर एक वि‍शाल सि‍ह की मूर्ति है जो अपने अगले दोनो पंजो पर हाथी के पीठ पर सवार है. शाही पुल के सामने मस्जिद है. शाही पुल जौनपुर बस स्टैंड से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

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जामा मस्जिद:

शाहगंज रोड पर पुरानी बाजार के निकट जामा मस्जिद स्थित है. इस मस्जिद की ऊंचाई 200 फीट से भी ज्यादा है. इसके ऊपर तक पहुंचने के लिए 27 सीढ़ियां हैं और इसका दक्षिणी द्वार पृथ्‍वी तल से 20 फीट ऊंचा बनाया गया है. मस्जिद की सजावट, मिश्री शैली के बेले- बूटे, मेहराबों की गोलाइयों, कमल, सूर्यमुखी और गुलाब के फूलों का वैचित्रय घूमने लायक है.

उत्तर भारतीय व्यंजनों के अलावा जौनपुर में आपको मुगलई व्यंजन भी मिलेंगे. कुछ प्रसिद्ध व्यंजनों की लिस्ट आप नीचे देख सकते हैं-

  • बिरयानी
  • कढ़ी
  • दाल मखनी
  • रोटी
  • पुलाव
  • समोसा
  • लस्सी
  • चाय

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