यूपी में गंगा-यमुना उफान पर, प्रयागराज में डूबे घाट, मथुरा में उफान पर यमुना, वाराणसी में ऐसे हालात

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Uttar Pradesh News: राजधानी दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. लाल किले समेत कई इलाकों में यमुना का पानी भर गया है. दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं और लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हैं. राजधानी दिल्ली पहले ही बाढ़ बारिश का सामना कर रही है तो वहीं अब उत्तर प्रदेश में भी इसका असर दिखना शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश में मथुरा से लेकर वाराणसी तक नदियों उफान पर हैं. वाराणसी और प्रयागराज में घाट डूबने लगे हैं. घाट के पास बने कुछ छोटे मंदिर पहले ही डूब चुके हैं.

आगरा में उफान पर यमुना

उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी का रौरव रूप बढ़ रहा है. यमुना नदी अपने मिनिमम खतरे के निशान को पारकर अपने किनारों को तोडकर शहर और ग्रामीण इलाकों में घुसने लगी है. नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण ताजगंज शमशान घाट में पानी घुस गया है और उसने शवों का दाह संस्कार करने वाले पहले प्लेटफार्म के चार चबूतरो को डुबो दिया है. सिकंदरा श्मशान घाट पर पानी आ जाने के कारण दाह संस्कार बंद कर दिए गए हैं. यमुना किनारे सड़क मार्ग पर भी देवी मंदिर के पास पानी आ गया है और वाहनों का आवागमन जलभराव के बीच हो रहा है. शहर के मुख्य नाले में से 3 नालों में यमुना जल का दबाव बनने के कारण पानी पीछे लौटने लगा है.

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मथुरा का डूबे मंदिर

 

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मथुरा जिले के मांट इलाके के कई गांव पानी में डूब गए हैं. किसानों की कई एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है. मथुरा और वृंदावन के निचले इलाकों में घरों और सड़कों पर पानी भर गया है. मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में 24 घंटे के अंदर 1.02 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है. यूपी के 75 में से 32 जिलों में इस दौरान अत्याधिक बारिश हुई है. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के अंदर भारी बारिश की चेतावनी दी है.

वाराणसी में बढ़ां गंगा जलस्तर

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वहीं वाराणसी में भी गंगा में पानी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है.शनिवार को गंगा का जलस्तर बढ़ने से मणिकर्णिका घाट की निचली सीढि़यों पूरी तरह से डूब चुकी हैं और यही रफ्तार रही तो शवदाह स्थल तक पानी पहुंच जाएगा. 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 21 सेंटीमीटर का बढ़ाव दर्ज किया गया और केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर 61.86 मीटर दर्ज किया गया.

प्रयागराज में संगम क्षेत्र पर मंडराया बाढ़ का खतरा

प्रयागराज में अब जिन इलाकों में बाढ़ का खतरा है, वह पूरा संगम क्षेत्र है. संगम किनारे रहने वाले दुकानदार सभी अपने अपना सामान हटाना शुरू कर दिया है. बाढ़ की वजह से छोटा बघाड़ा, गंगानगर, बद्रसुनोती के अलावा कई निचले इलाकों में पानी भर जाता है. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. आलम यह है कि जिन दारागंज की सड़कों पर फर्राटे गाड़ी दौड़ती नजर आती हैं हैं उन सड़कों पर भी बाढ़ का पानी का काबिज हो जाता है.

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