Sambhal Mandir News: 82 साल के विष्णु रस्तोगी पहुंचे संभल मंदिर तो 1978 के दंगों को याद कर ये भावुक बात बोले

अरविंद ओझा

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UP Sambhal Latest Updates: संभल (Sambhal) में मुस्लिम इलाके में मिला मंदिर चर्चाओं में बना हुआ है. इस मंदिर को 47 सालों बाद खोला गया है. दरअसल संभल में साल 1978 में भीषण दंगे हुए थे. इन दंगों के बाद हिंदू परिवारों ने ये इलाका छोड़ दिया था. दावा है कि तभी से मंदिर बंद हो गए. अब पुलिस ने इन मंदिरों को खुलवाया है.

इसी बीच 82 साल के बुजुर्ग विष्णु शंकर रस्तोगी संभल के इस मंदिर के दर्शन करने पहुंचे. बुजुर्ग ने इस मंदिर की कहानी और पलायन का दर्द भी सुनाया. बुजुर्ग विष्णु शंकर रस्तोगी ने कहा कि उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि कभी वह अपनी जिंदगी में इस मंदिर के फिर दर्शन कर पाएंगे.

क्या बोले विष्णु शंकर रस्तोगी? 

82 साल के विष्णु शंकर रस्तोगी उम्र के इस पड़ाव पर मंदिर में दर्शन करने पहुंचे. विष्णु शंकर रस्तोगी ने बताया कि साल 1978 में हुए भीषण दंगों के बाद उनके परिवार ने यहां से पलायन कर दिया था. 

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दंगों और पलायन का दर्द बताते हुए विष्णु शंकर रस्तोगी ने बताया, साल 1978 में हुए दंगों में हमारी दुकान जला दी गई. हमें बहुत नुकसान हुआ. उस समय की सरकार ने हमें मुआवजा दिया. विष्णु शंकर रस्तोगी कहते हैं कि उस दौरान यहां सैकड़ों हिंदू मारे गए. 

मंदिर को लेकर ये बताया

विष्णु शंकर रस्तोगी ने मंदिर की याद भी ताजा की. उन्होंने बताया कि इस मंदिर की परिक्रमा की जाती थी.  यहां कुआं स्थित था. विष्णु शंकर रस्तोगी कहते हैं कि इस कुएं का पानी बहुत मीठा था और महिलाएं यहां पूजा करती थीं.

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विष्णु शंकर रस्तोगी का कहना है कि दंगों के बाद लोग काफी डर गए थे. यहां हिंदुओं में डर और भय का माहौल हो गया था. ऐसे में पूजा-पाठ बंद कर दी गई थी. उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह कभी इस मंदिर में दोबारा पूजा-अर्चना कर पाएंगे. विष्णु शंकर रस्तोगी ने मंदिर खोलने के लिए पुलिस-प्रशासन को धन्यवाद दिया.

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