हाथरस भगदड़ में दर्ज हुई FIR में क्यों नहीं है 'भोले बाबा' का नाम? जानें किसने खड़ा किया ये बड़ा सवाल

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Picture: Bhole Baba
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Hathras Stampede Update: हाथरस जिले के सिकंदराराऊ इलाके में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने ‘मुख्य सेवादार’ और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है. अब इस हादसे पर राजनीति तेज हो गई है. बता दें कि मामले में केस दर्ज होने के बाद सपा नेता सुनील साजन ने बड़ा सवाल खड़ा किया है. सुनील साजन ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'हाथरस मामले में एक बाबा दूसरे बाबा को बचा रहा हैं. केवल संस्था पर ही आरोप क्यों तय हुए हैं, FIR बाबा पर क्यों नहीं हुई है?'

उन्होंने आगे कहा, "उस सिपाही में कम से कम संवेदना थी जो इतनी लाशों को देखकर उसे हार्ट अटैक आ गया, सरकार में तो संवेदना भी खत्म हो चुकी है." गौरतलब है कि मंगलवार को बाबा के भक्तों के साथ-साथ रावी यादव नामक एक पुलिसकर्मी की मौत हुई थी. दरअसल, रवि यादव की मौके पर ड्यूटी थी और इस दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया था.

सुनील साजन ने आगे कहा, "80000 लोगों की परमिशन लेकर ढाई से 5 लाख आदमी सत्संग पहुंच गया. इसमें क्या विपक्ष की गलती है? आरोप मढ़ना बंद करें. दोनों डिप्टी सीएम कहां चले गए. अस्पताल के हालात बुरे थे, ठीक होते तो इतनी जान ना जातीं."

 

 

FIR में क्या लिखा है?

तहरीर में कहा गया, "आयोजकों ने पिछले कार्यक्रमों में पहुंची लाखों लोगों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए इस बार 80 हजार अनुयायियों के इकट्ठा होने की बात प्रशासन को बताई थी. इसके अनुसार ही सुरक्षा की व्यवस्था की थी लेकिन सत्संग में ढाई लाख से ज्यादा लोग पहुंचे थे जिससे अव्यवस्था पैदा हो गई."

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आरोप लगाया गया, "सत्संग के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ के प्रवचन के बाद वह अपनी गाड़ी में सवार होकर आयोजन स्थल से निकल रहे थे तभी अनुयायियों ने उनकी गाड़ी के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया. इस दौरान लाखों की भीड़ के दबाव के कारण कुछ लोग कुचल गए."

 

 

इसमें कहा गया, "भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों ने जबरन रोक दिया जिसकी वजह से भीड़ का दबाव बढ़ता गया और महिलाएं, बच्चे तथा पुरुष उसमें दबते-कुचलते चले गए. आयोजकों और सेवादारों के कारण बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए और गंभीर रूप से घायल हुए."

शिकायत में आरोप लगाया गया, "मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने घायल तथा बेहोश लोगों को अस्पताल पहुंचाया लेकिन आयोजनकर्ताओं तथा सेवादारों ने कोई सहयोग नहीं किया. कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण संबंधी अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया. आयोजनकर्ताओं ने मौके पर छूटे लोगों के सामान, कपड़े और जूते-चप्पल को उठाकर पास के ही खेत में फेंक कर साक्ष्य मिटाए."

 

 

मालूम हो कि हाथरस जिले के फुलरई गांव में ‘भोले बाबा’ द्वारा आयोजित सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गई थी जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई.

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