योगी सरकार ने बुलंदशहर जिले के 55 गांवों को यीडा के अधिसूचित क्षेत्र में शामिल किया

भाषा

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उत्तर प्रदेश सरकार ने बुलंदशहर (Bulandshahr) जिले के 55 गांवों को यमुना एक्सप्रेस से यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के अधिसूचित क्षेत्र में समाहित कर दिया है. बता दें कि यह सभी गांव खुर्जा और सिकंदराबाद तहसील क्षेत्र से हैं.

एक अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इन गांवों के शामिल होने से यमुना प्राधिकरण में अधिसूचित गांवों की संख्या 1242 हो गई है. इस आदेश के बाद यमुना प्राधिकरण क्षेत्र का विस्तार दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) और न्यू नोएडा तक हो गया है.

बता दें कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का इस्तेमाल केवल माल या वस्तुओं को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है. अधिकारी ने कहा कि चोला रेलवे स्टेशन से नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के नजदीक विकसित होने वाले लॉजिस्टिक हब तक रेलवे लाइन का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजा जाएगा.

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यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुणवीर सिंह ने जानकारी के लिए बताया कि नए अधिसूचित क्षेत्र को ‘मास्टर प्लान 2041’ में शामिल कर विकास की रूपरेखा तैयार की जाएगी. यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में छह जिले शामिल हो गए हैं, जिनमें गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा और आगरा अधिसूचित हैं. गौतमबुद्ध नगर एवं बुलंदशहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा हैं, शेष जिले प्राधिकरण के दूसरे और तीसरे चरण में शामिल हैं.

आपको बता दें कि यमुना प्राधिकरण में छह जिले के अब तक 1187 गांव अधिसूचित थे, लेकिन बुलंदशहर जिले के 55 गांवों के शामिल होने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 1242 हो गई है. खुर्जा के 13 एवं सिकंदराबाद तहसील के 42 गांवों के शामिल होने से यह दायरा और बढ़ गया है. यमुना प्राधिकरण में बुलंदशहर के अधिसूचित गांव की संख्या भी 40 से बढ़कर 95 हो गई है.

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डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण क्षेत्र का विस्तार होने से इसका रेलवे से संपर्क हो गया है. चोला, सिकंदरपुर रेलवे स्टेशन और गांगरौल हॉल्ट से जुड़ गया है. डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर से जुड़ने से वैर रेलवे स्टेशन के नजदीक यमुना प्राधिकरण की सीमा न्यू नोएडा से जुड़ गई है.

उन्होंने बताया कि चोला से नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ने के लिए नई लाइन बनाने का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजा जाएगा. यह दूरी करीब 16 किलोमीटर है. हवाई अड्डे पर कार्गो (मालवाहक) टर्मिनल विकसित किया जा रहा है, जिससे सामान की आवाजाही आसान हो जाएगी.

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अधिसूचित क्षेत्र में प्राधिकरण औद्योगिक, आवासीय, संस्थागत एवं वाणिज्यक सेक्टर विकसित करेगा, लेकिन रेलवे और हवाई अड्डे के बीच का क्षेत्र होने के कारण यहां खासतौर से साजो सामान तथा गोदाम को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

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