यूपी में सरकारी स्कूल की छात्राओं को मिलेगी सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग, सरकार ने बनाई ये खास योजना

शिल्पी सेन

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राह चलते ईव टीजिंग हो या और कोई चुनौती, अब यूपी की छात्राएं आत्मविश्वास से लबरेज नजर आएंगी. यूपी सरकार सरकारी बेसिक विद्यालयों में ‘रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण’ कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है.

इस कार्यक्रम के तहत 11 से 14 साल तक की छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए 1200 शारीरिक प्रशिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग सरकार कराएगी.

2 लाख से ज्यादा छात्राओं को शुरुआती ट्रेनिंग

बालिकाएं खुद को आत्मविश्वास से भरा हुआ और सशक्त महसूस कर सकें इसके लिए यूपी सरकार जल्दी ही वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम पर सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग शुरू करने जा रही है. मुख्यमंत्री की पहल पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है और स्कूल चलो अभियान के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके मोड्यूल को जारी कर दिया है. यूपी के 45 हजार स्कूलों में छात्राओं को ट्रेनिंग का विस्तृत खाका तैयार किया गया है. इसके लिए 11-14 साल तक की 2 लाख छात्राओं को ट्रेनिंग दी जाएगी.

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तैयार मॉड्यूल के तहत यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 6 दिवसीय होगा. इसमें छात्राओं को सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाए जाएंगे. इसके अलावा साथ ही उन्हें ईव टीज़िंग, साइबर बुलिंग और एसिड अटैक जैसे मुद्दों के बारे में भी जागरूक किया जाएगा. छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की टेक्निक सिखायी जाएगी. इसमें 11-14 आयु वर्ग की छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. फिलहाल बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की क्लास 6-8 तक की छात्राओं को इस माध्यम से प्रशिक्षित करने की योजन बनाई गई है. इसके अलावा कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को भी इसके जरिए ट्रेनिंग दी जाएगी. इस योजना को संचालित करने के लिए केंद्र सरकार का भी सहयोग लिया जा रहा है.

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए स्कूलों में नियुक्त शारीरिक शिक्षा के प्रशिक्षकों को चुना गया है जो हर कार्य दिवस में एक घंटे की अवधि में इसका प्रशिक्षण देंगे. इसमें सेल्फ डिफेंस से संबंधित प्रशिक्षण के अलावा योगा को भी शामिल किया गया है. रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण से पहले शारीरिक शिक्षकों के लिए ज़िला स्तर पर 6 दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण मॉड्यूल के अनुसार एक प्रशिक्षक और एक सहायक नियुक्त किए जाएंगे. सलाहकार एजेंसी के रूप में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (डब्ल्यूसीएसओ) 1090 का सहयोग लिया गया है.

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अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया गया है ट्रेनिंग का मॉड्यूल

इस ट्रेनिंग मॉड्यूल को तैयार करने के लिए अलग अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों की मदद ली गई है. इसमें सेल्फ डिफेंस के एक्स्पर्ट, आत्मरक्षा प्रशिक्षक, विधिक परामर्शदाता,महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के साथ ही यूपी पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे हैं. साथ ही यूपीडेस्को, यूनीसेफ एवं टेनोसिस एजेंसी के विशेषज्ञों की सलाह भी ली गई है. इस मॉड्यूल के तहत बालिकाओं के साथ छेड़खानी और हिंसा की घटनाओं के विपरीत आत्मविश्वास बढ़ाने की उम्मीद जताई गई है. जिससे जिलों और दूर दराज के इलाकों में भी छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग मिल सके. मॉड्यूल का उद्देश्य छात्राओं को आत्मरक्षा में सक्षम बनाना है. साथ ही बालिकाओं के प्रति अपराधों से संबंधित कानून के बारे में भी उनको बताया जाएगा. महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के बारे काम करने वाली सरकार की हेल्पलाइन और संचालित होने वाली योजनाओं की जानकारी भी उनको दी जाएगी.

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