जानिए कैसे फर्जी फ्लाइंग लेफ्टिनेंट बन बैठा कुशीनगर का उत्कर्ष पांडेय और करने लगा ठगी
उत्तर प्रदेश में सेना भर्ती के नाम पर ठगी करने का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस को भी सकते में डाल दिया…
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उत्तर प्रदेश में सेना भर्ती के नाम पर ठगी करने का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस को भी सकते में डाल दिया है. दरअसल यूपी एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने कुशीनगर के उत्कर्ष पांडेय को गिरफ्तार किया है. उत्कर्ष पांडेय पर आरोप है कि वह वायु सेना का फ्लाइंग लेफ्टिनेंट बन बेरोजगार युवकों से सेना में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करता था.
पहली नजर में तो एसटीएफ को लगा कि ये मामला एक साधारण ठगी का मामला है. मगर जैसे-जैसे आरोपी से पूछताछ हुई वैसे-वैसे एसटीएफ भी सन्न रह गई. एक आम युवक लड़का उत्कर्ष आखिर कैसे ये अपराध कर बैठा, इसके पीछे की कहानी जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
परिवार के सामने शर्मिंदगी से बचने के लिए बन बैठा ठग
दरअसल कुशीनगर का रहने वाला उत्कर्ष पांडेय सेना में जाना चाहता था. उसके लिए वह एनडीए की भी तैयारी कर रहा था. उसके गांव में रहने वाला उसका दोस्त भी एनडीए की तैयारी कर रहा था. उत्कर्ष पांडेय ने साल 2020 में एनडीए की परीक्षा दी. साथ में उसके दोस्त ने भी एनडीए की परीक्षा दी. मगर परीक्षा में उसका दोस्त तो पास हो गया, लेकिन उत्कर्ष पास नहीं हो पाया.
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दोस्त के पास होने और खुद के फेल होने से उत्कर्ष काफी आहत हुआ. उसे लगा कि परीक्षा में फेल हो जाने के कारण उसे परिवार और गांव में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा. इस शर्मिंदगी से बचने के लिए वह अपराध की दल-दल में ऐसा कूदा कि फिर फंसता ही चला गया.
खुद को बना दिया फ्लाइंग लेफ्टिनेंट
मिली जानकारी के मुताबिक, उत्कर्ष ने खुद को फ्लाइंग लेफ्टिनेंट घोषित कर दिया. उसने परिवार और गांव वालों से बोल दिया कि उसका सलेक्शन हो गया है और वह वायु सेना अधिकारी बन गया है. फिर वह ट्रेनिग के नाम पर अपने परिजनों को गुमहार करता रहा.
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फिर आया साल 2021, इस साल उसने परिवार से कहा कि कोरोना के कारण अब उसकी ट्रेनिंग लखनऊ होगी. मिली जानकारी के मुताबिक, उसने लखनऊ में किराए पर कमरा लिया और वहां खाने का काम करने लगा.
पोल ना खुल जाए तो पहनने लगा वर्दी
पूछताछ में सामने आया है कि उत्कर्ष को अपनी पोल के खुलने का हमेशा डर बना रहता था. इसलिए उसने गोरखपुर में वायु सेना अधिकारी की वर्दी सिलवाई. फिर लखनऊ से ही उसने वर्दी पर पहनने वाले सेना के रिबन-मेडल खरीद लिए. वर्दी पहनकर और वर्दी पर रिबन-मेडल लगाकर उत्कर्ष खुद को दूसरों के सामने फ्लाइंग लेफ्टिनेंट के तौर पर पेश करने लगा.
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बड़े-बड़े लोगों से करने लगा मुलाकात
इस दौरान उत्कर्ष समाज के प्रतिष्ठित लोगों से मुलाकात करने लगा. वह प्रशासनिक अधिकारियों से, नेताओं से और मीडिया के लोगों से मिलने लगा. कुछ समय बाद उसे लोगों ने कार्यक्रमों में भी बुलाना शुरू कर दिया और उसे मंचों से सम्मानित किया जाने लगा. यहां तक की कुछ प्रतिष्ठित लोगों ने अपनी बेटियों के विवाह का भी प्रस्ताव उत्कर्ष के सामने रख दिया.
बता दें कि इसी का फायदा उठाकर उत्कर्ष बेरोजगार लोगों को सेना में नौकरी के नाम पर ठगने लगा. एसटीएफ को पिछले कई दिनों से ये खबर मिल रही थी कि बड़े स्तर पर सेना भर्ती के नाम पर ठगी की जा रही है. तभी से एसटीएफ की इस केस पर नजर थी. एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने आखिरकार उत्कर्ष को दबोच लिया.
दिल्ली भागने का बना रहा था प्लान
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आरोपी उत्कर्ष पांडे लखनऊ से दिल्ली भागने की योजना बना रहा था, क्योंकि दिल्ली में उसे ज्यादा लोग नहीं जानते थे. मगर एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीम ने उसे लखनऊ से ही दबोच लिया. लखनऊ के थाना चिनहट में अभियुक्त के खिलाफ धारा 140,170,171, 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.
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