पहले इंस्टाग्राम पर अश्लील चैट फिर 400 लोगों को लेकर लड़की के घर चढ़ गया, बिजनौर में गुंडई की इंतहा

ऋतिक राजपूत

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Bijnor News: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक संवेदनशील और चिंताजनक घटना सामने आई है. बता दें कि यह मामला एक दूसरे समुदाय के लड़के और लड़की के बीच अश्लील चैटिंग और छेड़छाड़ से जुड़ा है, जिसने इलाके में साम्प्रदायिक तनाव को जन्म दे दिया दिया. इस पूरी घटना ने न केवल मोहल्ले के माहौल को बिगाड़ा, बल्कि साम्प्रदायिक हिंसा के खतरे को भी उजागर किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. 

मिली जानकारी के अनुसार, घटना की शुरुआत तब हुई जब पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया कि दूसरे समुदाय का युवक लगातार उसके साथ इंस्टाग्राम पर अश्लील चैटिंग कर रहा था. आरोप है कि चांदपुर थाना क्षेत्र का युवक कई दिनों से लड़की को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था. लड़की ने जब इस उत्पीड़न का विरोध किया, तो आरोपी ने उसे अनसुना कर दिया और छेड़छाड़ जारी रखी. तंग आकर लड़की ने अपने परिवार को इस बारे में बताया, जिसके बाद मामला और गंभीर हो गया. 

 

 

पीड़ित लड़की के परिवार ने इस उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई, जिसके परिणामस्वरूप 19 अगस्त 2024 की शाम को लगभग 7 बजे युवक अपने साथ 300 से 400 लोगों की भीड़ जुटा ली. लड़की के आरोप के अनुसार, इस भीड़ ने साम्प्रदायिक नारे लगाए और धमकी दी कि "हम यहां बांग्लादेश बना देंगे." इस घटना से इलाके में भय और दहशत का माहौल बन गया.

इस हमले में पीड़ित लड़की के परिवारिक भाई, नीरज, प्रियांशू, शेखर, आदित्य और अन्य परिवारों के सदस्य भी घायल हो गए.  हमले के बाद इलाके के कई परिवारों ने अपने घरों की दीवारों पर "यह मकान बिकाऊ है" लिखवा दिया.

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इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आई. बिजनौर पुलिस ने मामला दर्ज किया और इलाके में शांति बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. बिजनौर एसपी ग्रामीण ने कहा कि पीड़ित लड़की की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है और कानूनी कार्रवाई चल रही है. उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने प्रभावित परिवारों से बातचीत की और उन्हें समझा-बुझाकर उनके घरों से "यह मकान बिकाऊ है" लिखे संदेश को हटवा दिया गया है. 

 

 

इस घटना ने सामुदायिक शांति और भाईचारे को खतरे में डाल दिया है. ऐसी घटनाएं न केवल समाज को विभाजित करती हैं, बल्कि उन मूल्यों को भी कमजोर करती हैं, जिन पर हमारा समाज आधारित है.

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