यूपी का आयुष एडमिशन घोटाला: सरकार ने सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की, जानें पूरा मामला

संतोष शर्मा

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Ayush admission scam: मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी कर कम नंबर पाने वाले छात्रों को आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी उपचार (आयुष) कोर्स में एडमिशन देने के घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी गई है. उतर प्रदेश सरकार ने 891 छात्रों के एडमिशन में फर्जीवाड़े की जांच CBI से कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिख दिया है.

यह पूरा मामला NEET 2021 की परीक्षा से जुड़ा है, जिसकी मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी कर कम मेरिट के 891 छात्रों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दिया गया, सर्वाधिक गड़बड़ी आयुर्वेदिक कॉलेज में एडमिशन में सामने आई थी. नीट की मेरिट से बाहर रहने वाले छात्रों को एडमिशन दिया गया. मेरिट में कम नंबर पाने वाले छात्रों को भी अच्छे कॉलेजों में एडमिशन दे दिया गया.

मेरिट में आने वाले छात्रों की जगह पर मेरिट से बाहर रहने वाले छात्र का नाम, जन्म तिथि और एप्लीकेशन नंबर डालकर उसे एडमिशन दिया गया. ऐसे 891 छात्रों को मेरिट में फर्जीवाड़ा कर एडमिशन दिया गया.

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पैसों का लेन-देन कर बड़े पैमाने पर अपात्र छात्रों को एडमिशन देने के इस मामले में आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी निदेशालय के अफसर और कर्मचारी जांच के दायरे में हैं.

इस मामले में डायरेक्टर आयुर्वेद एसएन सिंह ने हजरतगंज कोतवाली में काउंसलिंग कराने वाली नोडल एजेंसी uptron पावट्रॉनिक्स पर एफआईआर दर्ज करवाई थी. इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी. अब यूपी के गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की है.

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