बाबरी का गुंबद टूटा तो अचल मीणा की पीठ पर गिरा था मलबा, 30 साल से बिस्तर पर, अब की ये अपील
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: जैसे-जैसे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तारीख करीब आती जा रही है भक्तों में उत्साह बढ़ता जा रहा है. एक…
ADVERTISEMENT
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: जैसे-जैसे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तारीख करीब आती जा रही है भक्तों में उत्साह बढ़ता जा रहा है. एक तरफ जहां अयोध्या में उद्घाटन की तैयारी चल रही है तो वहीं उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम शहरों में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. वहीं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले राम भक्ति की कई हैरान कर देने वाली कहानियां सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक कहानी सामने आई है मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से, जहां कारसेवा के दौरान दिव्यांग हुए शख्स ने पीएम मोदी भावुक अपील की है.
राम मंदिर आंदोलन में पहुंचे थे अयोध्या
आज से ठीक 31 साल पहले 6 दिसंबर 1992 की ही वह तारीख थी, जब देशभर से जुटे कार सेवकों ने विवादित ढांचा को गिरा दिया था और राम मंदिर को बनाने का संकल्प लिया था. मंदिर निर्माण का संकल्प लेने वाले हजारों राम भक्तों में भोपाल के अचल सिंह मीना भी शामिल थे.अचल सिंह मीना भी हजारों राम भक्तों के साथ 6 दिसंबर को अयोध्या में मौजूद थे. अचल सिंह मीना विवादित ढांचे को गिराने के लिए ऊपर चढ़ गए थे. थोड़ी देर बाद जब ढांचा गिरा, तो उसका एक हिस्सा अचल सिंह की पीठ पर गिरा और वो दिव्यांग हो गए.
अचल मीणा की पीठ पर गिरा था मलबा
3 दिसंबर 1992 को अचल तब 30 साल के थे तब बजरंग दल के जिला संयोजक और वर्तमान में भोपाल की कोलार सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा के साथ भोपाल से पुष्पक एक्सप्रेस में बैठकर लखनऊ और फिर वहां से फैजाबाद पहुंचे थे. 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस के दौरान गुंबद के एक हिस्से का मलबा अचल की पीठ पर गिरा और कमर के नीचे का पूरा हिस्सा काम करनाबंद हो गया.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
पीएम मोदी से की ये अपील
वहीं इस घटना के बाद अचल सिंह मीणा भोपाल के पास स्थित एक गांव में गुमनामी की जिंदगी बिताने पर मजबूर हैं. हमारे सहयोगी चैनल एमपी तक से बात करते हुए अचल सिंह मीणा ने इच्छा जताई है कि रामलला के दर्शन और अयोध्या में जाने का उनका सपना पूरा हो. इसके लिए अचल सिंह मीणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम मोहन से गुहार लगाई है कि 22 जनवरी के बाद ही सही लेकिन एक बार उसे रामलला के दर्शनों का लाभ ज़रूर दिलाएं.
ADVERTISEMENT