अयोध्या राम मंदिर का न्योता मिलने के बाद अखिलेश कार्यक्रम में जाएंगे या नहीं? सपा चीफ ने ये बताया
Ram Mandir in Ayodhya: राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को रामलला प्राण प्रतिष्ठा की तरफ से निमंत्रण दिया गया है. इसी बीच अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत ने अखिलेश पर तंज कसा है.
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Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को रामलला प्राण प्रतिष्ठा की तरफ से निमंत्रण दिया गया है. सपा चीफ अखिलेश यादव ने खुद इसकी जानकारी सोशल मीडिया X पर दी. अखिलेश ने सोशल मीडिया पर एक लेटर भी शेयर किया, जो उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को लिखा है. इसी बीच हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने अखिलेश को लेकर प्रतिक्रिया दी है.
क्या अखिलेश यादव अयोध्या जाएंगे?
समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव द्वारा चंपत राय को जो लेटर लिखा गया है, उसने उन्होंने साफ कर दिया है कि वह प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं जाएंगे. मगर वह इस आयोजन के बाद अपने परिवार के साथ दर्शन करने अवश्य जाएंगे.
दूरी भी बना ली और अयोध्या आने के लिए भी बोल दिया
बता दें कि अखिलेश यादव ने जो पत्र चंपत राय को लिखा है, उसमें उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूरी भी बना ली है तो वहीं रामलला के दर्शन करने की बात भी कह दी है. अखिलेश ने राम मंदिर ट्रस्ट के आमंत्रण को अस्वीकार नहीं किया है. अखिलेश ने मंदिर ट्रस्ट महासचिव चंपत राय को लिखे पत्र में कहा है, श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के स्नेह निमंत्रण के लिए धन्यवाद. इस आयोजन के सकुशल संपन्न होने की हार्दिक शुभकामनाएं. हम प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद सपरिवार दर्शन करने अवश्य जाएंगे.
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हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने साधा निशाना
अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने अखिलेश यादव को लेकर निशाना साधा है और अखिलेश पर तंज कसा है. महंत राजू दास ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ‘जिनके दामन में कारसेवकों के खून के छीटे हो वह राम मंदिर नहीं आया करते.’
जिसके दामन में कारसेवकों के खून के छीटे हो और राम मंदिर नहीं आया करते https://t.co/uDf9tT8iHu
— Raju Das Hanumangadhi Ayodhya (@rajudasji99) January 13, 2024
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सोशल मीडिया पर भी अखिलेश के इस पत्र की काफी चर्चाएं हैं. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अखिलेश ने इस मुद्दे पर कांग्रेस से ज्यादा अच्छा रवैया अपनाया है. जहां कांग्रेस ने निमंत्रण पत्र को ठुकराया था तो वहीं अखिलेश ने निमंत्रण पत्र को नहीं ठुकराया. अखिलेश का यह लेटर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.
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