नोएडा: ट्विन टावर गिरने पर धुएं का गुबार चोक तो नहीं कर देगा हमारी सांस? जानें तैयारियां

संतोष शर्मा

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Noida Twin Tower News: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ट्विन टावर को गिराए जाने को लेकर बोर्ड ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. आपको बता दें कि 28 अगस्त को दिन में 2:30 बजे ट्विन टावर को ध्वस्त करने का काम शुरू किया जाएगा. 9 से 12 सेकेंड्स के बीच में सारे ब्लास्ट हो जाएंगे और 20 सेकेंड्स में ट्विन टावर पूरी तरह गिर जाएगा. 103 मीटर ऊंची दोनों इमारतों के गिरने से भारी मात्रा में डस्ट पॉल्यूशन, नॉइस पॉल्यूशन और वाइब्रेशंस होंगी.

मिली जानकारी के अनुसार, डस्ट पॉल्यूशन में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 10 माइक्रोन से अधिक की साइज का Particulate Matter ज्यादा निकलेगा, जिसके लिए 10 Anti Smog Guns लगाई गई हैं. 10 माइक्रोन से कम साइज के Particulate Matter को Anti Smog Machine से पानी का छिड़काव कर हवा से नीचे गिराया जाएगा, ताकि हवा में तैरकर लोगों को कम नुकसान करे.

डस्ट पॉल्यूशन मॉनिटरिंग के लिए 6 Ambient Air Quality Monitoring station बनाए गए हैं. साथ ही नोएडा के सेक्टर 125 और 116 में पहले से लगाए गए AQI system भी मॉनिटरिंग करेंगे. धूल का गुबार कितनी दूर जाएगा, इसका अनुमान रविवार को चलने वाली हवा की स्पीड और डायरेक्शन पर निर्भर करेगा.

नॉइस पॉल्यूशन के लिए 4 Monitoring Machine लगाई गई हैं. नॉइस पॉल्यूशन से आसपास की बिल्डिंग में रहने वालों को परेशानी ना हो, इसके लिए 300 मीटर तक नो मेंस लेंड बनाया जाएगा, ताकि के डिमोलिशन के वक्त वहां कोई ना रहे. अनुमान है ट्विन टावर के गिरने से 60 से 80,000 टन मलबा निकलेगा. इसमें से 40 से 50 हजार टन मलबा साइट पर ही डिमोलिशन के बाद बनने वाले गड्ढे को भरने में इस्तेमाल होगा.

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वहीं, 25 से 30 हजार टन मलबा कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट प्लांट नोएडा व दिल्ली में जाएगा.

Up pollution control board के सेक्रेटरी अजय शर्मा ने बताया, “हमने तैयारी पूरी कर ली है. सड़क पर चलने वाले मलबे की सफाई के लिए 8 Mechanical Road Sweeping machine और 200 labourer manual cleaning के लिए लगाई हैं. साथ में 50 पानी के टैंक्स भी लगाए गए हैं.”

उन्होंने आगे बताया, “दोनों ट्विन टावर को गिराने के लिए होने वाले ब्लास्ट से बड़ी मात्रा में वाइब्रेशंस भी होंगी, जिसके लिए CBRI रुड़की ने अपनी टीम लगाई है. इस ब्लास्ट से आस पास की इमारतों पर असर कितना पड़ेगा इसका अनुमान CBRI करेगी. एहतियात के तौर पर आसपास की 300 मीटर की बिल्डिंग में ब्लास्ट के वक्त कोई नहीं रहेगा.”

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