हमीरपुर: 18 दिन पहले ‘मर कर’ जिंदा हुई थी अनीता! इस बार सांस गई तो हर कोई देखता रह गया

नाहिद अंसारी

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Hamirpur News: कभी-कभी कुछ खबरें ऐसी सामने आती हैं, जिनपर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है. मगर असल में वह हकीकत में घटित हुई होती हैं. आपने अक्सर मौत के बाद जिंदा हुए लोगों की कई कहानियों को सुना होगा. कुछ पर विश्वास आया होगा तो कुछ पर नहीं. मगर हम आज आपको उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से आया ऐसा मामला बताने जा रहे हैं, जिसे जान आप भी सकते में आ जाएंगे.

दरअसल उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में 18 दिन पहले डॉक्टरों ने एक महिला को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों ने बकायदा महिला के शव को पैक किया और शव पति को सौंप दिया. शव एम्बुलेंस में रखकर परेशान पति उसे अपने घर ला ही रहा था, तभी उसकी पत्नी जिंदा हो गई. अचानक उसकी पत्नी उठी और बैठ गई. इस दौरान उसने अपने पति से पीने के लिए पानी मांगा. अपनी पत्नी को जिंदा देख पति की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मगर अब इस घटना के 18 दिन बाद आखिरकार उस महिला की मौत हो गई है.

मरकर हुई जिंदा अब फिर हुई मौत

दरअसल ये पूरा मामला हमीरपुर जिले के राठ कोतवाली के सदर गांव से सामने आया है. यहां रहने वाला मातादीन रैकवार पेशे से मजदूर है. उसकी पत्नी अनीता को ब्लड कैंसर था. मातादीन रैकवार जालंधर में अपने रिश्तेदार के यहां रहकर मजदूरी करता है.

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मातादीन रैकवार अपनी पत्नी अनीता और दोनों बच्चों को भी जालंधर लेकर आ गया था. यहां अनीता का एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था. इलाज में आर्थिक समस्याएं भी सामने आ रही थी. मगर पति जैसे-तैसे अपनी पत्नी का इलाज करवा रहा था. मगर 18 दिन पहले अचानक अनीता की हालत ज्यादा खराब हो गई. उसे अस्पताल लेकर गए तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

रास्ते में हो गई जिंदा

पति मातादीन रैकवार के मुताबिक, डॉक्टरों ने शव को पैक किया. वह शव को एम्बुलेंस में लेकर हमीरपुर आ रहा था. तभी अचानक अनीता के दिल की धड़कने वापस आ गई. अचानक वह जिंदा हो गई और उठ कर बैठ गई. उसने पीने के लिए पानी भी मांगा. 

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ये देख पहले तो एम्बुलेंस में मौजूद लोग डरे. मगर फिर सभी खुश हो गए. पति मातादीन रैकवार को लगा कि उसकी पत्नी अनीता जिंदा हो गई है. उसके लिए उससे खुशी की बात कुछ थी ही नहीं. परिवार भी खुश था और अनीता के बच्चे भी खुश थे. 

18 दिन बाद हुई अनीता की मौत

परिवार अनीता को लेकर घर आ गया. घर पर ही उसकी देखभाल शुरू कर दी गई. उसका इलाज भी घर पर ही चल रहा था. पति मातादीन रैकवार के मुताबिक, मंगलवार रात अनीता की तबीयत अचानक खराब हो गई. सुबह होते-होते अनीता की घर पर ही मौत हो गई. इस बार अनीता की सांसे जो गईं. वह फिर नहीं लौटी. दिन में अनीता का गांव में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पत्नी के इलाज में पति हो गया कर्जदार

इस पूरे मामले पर ग्रामीणों का कहना है कि अनीता का पति मातादीन रैकवार मजदूरी करके जैसे-तैसे अपने परिवार का पेट पालता है. पत्नी को खून के कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो गई. मातादीन ने कर्ज लेकर पत्नी का इलाज करवाया. उसने अपने रिश्तेदारों और साहूकारों से भी कर्ज लिया. ग्रामीणों का कहना है कि मातादीन के ऊपर करीब 5 लाख के आस-पास कर्ज हो गया है.

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