कानपुर में अंग्रेजों ने जिस पुल से क्रांतिकारियों पर चलाई थी गोलियां आज वो भरभराकर गिरी, 150 साल का रहा है इतिहास

सिमर चावला

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Kanpur Bridge Collapsed in Ganga
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Kanpur Bridge Collapsed in Ganga: उत्तर प्रदेश के कानपुर में गंगा नदी पर बना करीब 150 साल पुराना पुल भराभराकर ध्वस्त हो गया.  ये पुल पिछले 4 साल से बंद था जिससे किसी भी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है. पिलर में दरार आने की वजह सेइस पुल को साल 2021 में बंद कर दिया गया था.  बता दें कि 150 साल पुराने गंगा पुल का एक हिस्सा मंगलवार की सुबह भरभराकर गिर गया, जिससे स्थानीय जनता में सनसनी फैल गई है. यह पुल कानपुर को लखनऊ से जोड़ने का ऐतिहासिक मार्ग था और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सजीव गवाह था.

देश की आजादी का गवाह रहा है पुल

आजादी की लड़ाई का गवाह रहा पुल कानपुर से शुक्लागंज जाने के रास्ते में गंगा नदी के ऊपर बना अंग्रेजों के जमाने का ये पुल आजादी की लड़ाई का भी गवाह रहा है. एक बार क्रांतिकारी जब गंगा पार कर रहे थे तब अंग्रेजों ने इस पुल के ऊपर से उनपर फायरिंग कर दी थी.  1875 में हुआ था निर्माण बताया गया कि अंग्रेजों ने कानपुर को उन्नाव-लखनऊ से जोड़ने के लिए 1875 में इस गंगा पुल का निर्माण कराया था. निर्माण कार्य ईस्ट इंडिया कंपनी के इंजीनियरों ने कराया था. इसे बनाने मे 7 साल 4 महीने लगे थे.  कुछ साल पहले जब यह पुल बंद किया गया तो उन्नाव के शुक्लागंज में रहने वाली 10 लाख की आबादी पर काफी फर्क पड़ा. 

चार साल पहले बंद किया गया था पुल

बता दें कि 2010 के दशक के अंत में, इस पुल की संरचनात्मक कमजोरियाँ बढ़ने लगी थीं. 2021 में चार पिलर में बड़ी दरारें उत्पन्न हो गईं, जिसके कारण जिला प्रशासन को यातायात को रोकना पड़ा.  इस पुल को फिर से चालू  करने के लिए उन्नाव के सांसद से लेकर कई विधायक और मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से लेकर प्रशासन तक दौड़ लगाई थी. लेकिन कानपुर आईआईटी ने इसकी चेकिंग करके बता दिया था यह पुल जर्जर है, चलने लायक नहीं है और कभी भी गिर सकता है. 
 

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