लखनऊ: हिंदी में होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, किताबों के अनुवाद के साथ तैयारियां तेज, जानिए

शिल्पी सेन

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Lucknow News: हिंदी भाषा में इंजीनियरिंग (बीटेक) की पढ़ाई को लेकर उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर आ रही है. बता दें कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University) में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में शुरू होने जा रही है. हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए ख़ास तौर पर इस योजना को तैयार किया गया है.

गौरतलब है कि बीटेक की हिंदी में पढ़ाई के लिए किताबों का भी हिंदी में अनुवाद होना शुरू हो गया है. बताया जा रहा है कि कुछ किताबों का हिंदी में अनुवाद किया भी जा चुका है. अब जल्द ही और किताबों को भी हिंदी में अनुवाद किया जाएगा और छात्रों को हिंदी भाषा में पढ़ाई का मौक़ा दिया जाएगा. यूनिवर्सिटी से मिली जानकारी के अनुसार इसी सत्र से बीटेक प्रथम वर्ष की पढ़ाई हिंदी में शुरू की जाएगी.

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) से मिली जानकारी के अनुसार छात्रों को ये सुविधा देने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) काम कर रहा है. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद बीटेक प्रथम वर्ष की किताबों का हिंदी में अनुवाद कर रहा है. इससे छात्रों को हिंदी में पढ़ाई के लिए किताब और पठन सामग्री जल्द उपलब्ध हो सकेगी.

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जल्द ही छात्रों को मिलेगी हिंदी में बीटेक की किताब

जानकारी के अनुसार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने पहले से ही योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि कई विषयों की किताबों का हिंदी में अनुवाद हो भी चुका है तो वहीं कुछ विषयों की किताबों का अनुवाद अभी करवाया जा रहा है. दरअसल तकनीकी शब्दावली को देखना और उसका सही तरीके से अनुवाद करना बेहद जरूरी है. इसके लिए विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है. जल्दी ही ये किताबें छात्रों के लिए उपलब्ध होंगी.

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अंग्रेजी या हिंदी में दे सकेंगे परीक्षा

दरअसल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में इस बात को कहा गया है कि हिंदी मीडियम छात्रों के लिए भी तकनीकी विषय और इंजीनियरिंग की पढ़ाई सुलभ होनी चाहिए. उसी के तहत ये पहल की जा रही है. हिंदी में किताबों के आने के बाद जहां हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने वाले बीटेक के छात्रों के लिए पढ़ाई आसान होगी तो वहीं ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई सुलभ हो सकेगी. अभी सिर्फ भाषा की वजह से बहुत से मेधावी छात्र इसमें पिछड़ जाते हैं.

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बता दें कि हिंदी में पढ़ाई के लिए परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव किया जाएगा. इसमें अंग्रेजी के साथ हिंदी का भी प्रश्नपत्र छात्रों को दिया जाएगा. ये छात्रों पर निर्भर होगा कि वह किस भाषा में परीक्षा देना चाहते हैं.

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