NDA की परीक्षा में हो गया फेल तो रची ऐसी साजिश कि STF और मिलिट्री इंटेलिजेंस को दबोचना पड़ गया
Lucknow News: लखनऊ एसटीएफ की टीम ने लखनऊ की मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम के साथ मिलकर एक फर्जी फ्लाइंग लेफ्टिनेंट को गिरफ्तार किया है. मिली जानकारी…
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Lucknow News: लखनऊ एसटीएफ की टीम ने लखनऊ की मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम के साथ मिलकर एक फर्जी फ्लाइंग लेफ्टिनेंट को गिरफ्तार किया है. मिली जानकारी के मुताबिक, वायु सेना का फर्जी लेफ्टिनेंट बेरोजगार युवाओं को भारतीय वायु सेना में भर्ती कराने के नाम पर लाखों की ठगी करने का काम करता था. वहीं एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार नागर ने बताया कि पिछले कई दिनों से लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर समेत कई जगहों से यह सूचना मिल रही थी कि भारतीय वायुसेना में भर्ती के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की जा रही है.
बता दें कि ये शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ एक्टिव हो गई. एसटीएफ ने अलग-अलग जिलों में अपनी सभी यूनिटों को सक्रिय कर दिया और मामले की जांच शुरू कर दी. इसी दौरान एसटीएफ को सूचना मिली की आरोपी लखनऊ से दिल्ली भागने की फिराक में हैं. मगर एसटीएफ ने उसे आखिरी मौके पर पकड़ लिया. बता दें कि आरोपी का नाम उत्कर्ष पांडे है.
NDA की परीक्षा में हो गया था फेल
आरोपी से पुलिस द्वारा पूछताछ की गई है, जिसमें कई अहम बातें सामने आई हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, फर्जी वायु सेना लेफ्टिनेंट उत्कर्ष पाण्डेय ने साल 2020 में भारतीय सेना की एक्स- वाई ग्रुप और एनडीए की परीक्षा दी थी. मगर वह परीक्षा में पास नहीं हुआ. मगर उसके गांव का ही एक युवक परीक्षा में पास हो गया. इसके बाद से ही उसने फर्जी सेना अधिकारी बनने का नाटक करना शुरू कर दिया.
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पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि गांव वालों और परिवार के सामने शर्मिंदगी से बचने के लिए वह फर्जी लेफ्टिनेंट बन गया और उसने सभी के साथ झूठ बोलना शुरू कर दिया. आरोपी ने बताया है कि उसने सभी से बोलना शुरू कर दिया कि उसका भी परीक्षा में सलेक्शन हो गया है और वह भी सैन्य अधिकारी बन गया है.
लखनऊ रहकर भी परिवार वालों को करता रहा गुमराह
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2021 में आरोपी लखनऊ के एक किराए के मकान में रहने लगा और खाने का काम करने लगा. मगर वह अपने परिजनों से ये बोलता रहा कि अब उसकी आगे की ट्रैनिग लखनऊ में चल रही है.
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गोरखपुर से सिलवाई वर्दी और पहनने लगा
मिली जानकारी के मुताबिक, उत्कर्ष को अपनी पोल खुलने का डर भी था. इसलिए उसने गोरखपुर से वायुसेना की वर्दी सिलवा ली और वर्दी पर लगने वाले मेडल-रिवन को उसने लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर मौजूद दुकानों से खरीद लिया.
जांच में सामने आया है कि आरोपी ने जिला कुशीनगर के कसया बाजार स्थित जनसेवा केन्द्र से सेना की फर्जी आईडी कार्ड भी बनवा लिया, जिससें की वह असली अधिकारी लगे और किसी को उसपर शक ना हो. उसका इरादा था कि लोग उसे असली अधिकारी मानकर उसकी बातों पर विश्वास करने लगे और नौकरी लगवाने के नाम पर लोग उसे आसानी से पैसे देने को भी तैयार हो जाएं.
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लोग करने लगे सम्मानित और रिश्ते भी आने लगे
मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी सेना की वर्दी पहन कर प्रशासन के लोगों से और नेताओं से मिलने लगा. इस दौरान वह अपने सोशल मीडिया का इस्तमाल भी खूब करने लगा. वह किससे मिल रहा है, कहां मिल रहा है, उसकी जानकारी फोटो के साथ सोशल मीडिया पर डालने लगा.
लोगों को विश्वास हो गया कि ये सेना का अधिकारी है. इसी नाते लोग उसे अपने-अपने कार्यक्रमों में सम्मानित करने लगे. यहां तक की कई प्रतिष्ठित लोगों ने अपनी बेटियों के विवाह तक के लिए उससे कहा. बता दें कि इन्हीं का फायदा उठाते हुए उत्कर्ष पांडे ने सैकड़ों बेरोजगार युवकों से लाखों रुपए भारतीय वायु सेना में विभिन्न पदों पर नौकरी लगवाने के नाम पर लिए.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आरोपी उत्कर्ष पांडे लखनऊ से दिल्ली भागने की योजना बना रहा था, क्योंकि दिल्ली में उसे ज्यादा लोग नहीं जानते थे. मगर एसटीएफ और मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीम ने उसे लखनऊ से ही दबोच लिया. लखनऊ के थाना चिनहट में अभियुक्त के खिलाफ धारा 140,170,171, 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.
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