हरेंद्र मलिक बोले- जुनैद, जुल्फिकार, आसिफ, शादाब, दिलशाद... ये सब करते हैं कांवड़ियों की सेवा
Muzaffarnagar Kanwar Yatra Controversy: मुजफ्फरनगर पुलिस के कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानों पर मालिक और काम करने वाले लोगों का नाम लिखने वाले आदेश पर बवाल मचा हुआ है.
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Muzaffarnagar Kanwar Yatra Controversy: मुजफ्फरनगर पुलिस के कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानों पर मालिक और काम करने वाले लोगों का नाम लिखने वाले आदेश पर बवाल मचा हुआ है. एक तरफ सत्ताधारी भाजपा ने पुलिस के इस आदेश का बचाव किया है, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी सपा ने इसपर हमला बोला है. इसी मामले में अब मुजफ्फरनगर के सपा सांसद हरेंद्र मलिक का बयान सामने आया है. उन्होंने इस तरह के फरमान पर अपनी आपत्ति जाहिर की है.
इस मामले में सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा, "देखिए यह तो कोई नागरिक या प्रशासनिक अधिकारी नहीं चाहता की कांवड़ खंडित हो. यात्रा मुस्लिम क्षेत्रों से होकर गुजरती है और मैंने बहुत से मुस्लिम परिवारों को सेवा करते देखा है. पुरकाजी से चेयरमेन जाहिर फारुकी बहुत सेवा करते हैं. यहां जुनैद एंड कंपनी है, दूसरा यहां मुफ्ती जुल्फिकार, आसिफ राही, शादाब खान, दिलशाद पहलवान कांवड़ियों की देखभाल करते हैं. वह उनकी भावनाएं हैं, इसलिए करते हैं. "
हम चाहते हैं दुर्भावना न फैले: मलिक
उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि आयोजन सुखद रहे, सफल रहे कोई. दुर्भावना न फैले और अफसोस तो यह है कि हमेशा प्रशासन पहले जनप्रतिनिधियों व दूसरे गणमान्य लोगों के साथ में मुहर्रम और कांवड़ पर बैठकर चर्चा किया करते थे, पर अब तो यह लोग सर्वशक्तिमान हैं क्योंकि कोई चर्चा हुई ही नहीं."
मलिक बोले- मुजफ्फरनगर का नाम बदनाम ना करो
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हरेंद्र मलिक ने कहा, "मेरी दुकान या ठेला है तो मैंने नाम लिख दिया हरेंद्र मलिक पर उसे मेरा दूसरा मॉनेटरी का साथी चल रहा है तो क्या करूं भाई. देखिए कोई भी शासक अपने देश की जनता से नहीं लड़ सकता और इन्हें यह सोचना चाहिए कि ऐसा कोई काम ना करें जिससे मुजफ्फरनगर बदनाम हो. मैं तो यही कहूंगा कि 'देखो दीवानों ऐसा काम ना करो मुजफ्फरनगर का नाम बदनाम ना करो'...मैं तो बता चुका हूं कि यह संविधान की भावनाओं के प्रतिकूल है."
मुजफ्फरनगर पुलिस प्रमुख ने क्या कहा?
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर पुलिस प्रमुख अभिषेक सिंह ने सोमवार को कहा, "जिले में सावन माह की तैयारियां शुरू हो गई हैं. कांवड़ यात्रा का करीब 240 किलोमीटर का रूट जिले में पड़ता है. मार्ग में होटल, ढाबा और ठेले सहित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है."
उन्होंने कहा, ''ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि कांवड़ियों के बीच कोई भ्रम नहीं होना चाहिए और कानून-व्यवस्था की कोई समस्या उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। सभी स्वेच्छा से इसका पालन कर रहे हैं."
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