चंदौली में विकसित होगा ईको टूरिज्म, पर्यटकों को लुभाएंगे शानदार वॉटरफॉल, भेजा गया प्रस्ताव
Chandauli News Hindi: आप में से बहुत से लोगों ने देवकीनंदन खत्री की कालजई रचना चंद्रकांता संतति जरूर पड़ी होगी या इसी घटना पर आधारित…
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Chandauli News Hindi: आप में से बहुत से लोगों ने देवकीनंदन खत्री की कालजई रचना चंद्रकांता संतति जरूर पड़ी होगी या इसी घटना पर आधारित चंद्रकांता सीरियल जरूर देखा होगा. चंद्रकांता संतति में बाबू देवकीनंदन खत्री ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली के नौगढ़ इलाके का जिक्र किया था. जिसमें राजदरी-देवदरी और औरवाटांड़ सहित कई प्राकृतिक झरनों का भी जिक्र किया था. उत्तर प्रदेश सरकार अब इन प्राकृतिक संपदा के संरक्षण और खूबसूरत स्थानों को ईकोटूरिज्म (Eco Tourism) के लिए विकसित करने की दिशा में काम कर रही है. इसी कड़ी में चंदौली जिला प्रशासन द्वारा नौगढ़ इलाके के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित औरवाटांड़ वॉटरफॉल को विकसित करने के लिए दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है. जिला प्रशासन की मानें तो बहुत जल्द ही औरवाटांड वॉटरफॉल को विकसित किए जाने का काम शुरू किया जाएगा.
गौरतलब है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में स्थित औरवाताड़ प्राकृतिक वॉटरफॉल, दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल चित्र और अन्य प्राकृतिक सौंदर्य से पटा पड़ा है. जो इको पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्पूर्ण है. पूर्व की सरकारों के ध्यान न देने से प्रकृति का ये अनोमल खजाना जंगल में वर्षों से गुम पड़ा है, जिससे लोग इसके सौंदर्य का आनंद नहीं ले पा रहे हैं. औरवाटाड़ के प्राकृतिक सौंदर्य को निखारने के लिए चंदौली जिलाधिकारी ईशा दुहन ने 2 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है.
UP Eco Tourism: दरअसल, चंदौली के नौगढ़ इलाके मे स्थित औरवाटाड़ तीन तरफ से प्राकृतिक वादियों से घिरा हुआ है. यहां पर लगभग 200 फीट ऊपर से गिरने वाले वॉटरफॉल के आस पास दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल चित्र भी मौजूद हैं. इस क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल स्थानीय उत्पाद और तकनीकी से पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए शासन को भेजे गए प्रस्ताव में स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ाने का ध्यान रखा गया है.
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मचान से प्राकृतिक सौंदर्य देखने के साथ ही नेचर फोटोग्राफी की जा सकती है. साथ ही पर्यटकों के एडवेंचर गेम के लिए रॉक क्लाइम्बिंग, जीप लाइन, लो रोप कोर्स, कमांडो नेट वॉल, टायर नेट वॉल आदि होगा. वहीं स्थानीय मटैरियल और तकनीकी का प्रयोग करके प्रशासनिक भवन, स्थानीय पत्थरों से भव्य औरवाताड़ प्रवेश द्वार का निर्माण, स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए बास से बनी दुकानें, प्राकृतिक लकड़ी सौगान से वुड रेलिंग, पार्किंग, क्षेत्र की पूरी जानकारी के साथ साइनेज, सैंड स्टोन से बने बेंचेज और क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ाने के लिए लैंडस्केपिंग की जाएगी.
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इस संदर्भ में जानकारी देते हुए चंदौली के डीएम ईशा दुहन ने बताया कि ‘चंदौली इलाका प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है .ऐसे में यहां पर इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं. सरकार की मंशा के अनुरूप इन भूले बिसरे प्राकृतिक संपदाओं को विकसित करने और इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में चंदौली का जिला प्रशासन भी कार्य कर रहा है.’
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उन्होंने बताया कि और औरवाटाड़ को विकसित करने के लिए दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. उन्होंने आगे बताया कि यह इलाका बहुत जल्द हिल स्टेशन जैसे प्राकृतिक सौंदर्य वाले पर्यटन स्थल के रूप में शुमार होने वाला है. जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही साथ यहां पर रोजगार की संभावना भी बढ़ेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा.
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