फिरोजाबाद: अफसर की पत्नी से हुआ विवाद तो पुलिस ने दुकानदार-डॉक्टर भाई को नाप डाला? जानें

सुधीर शर्मा

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Firozabad News: फिरोजाबाद के थाना रसूलपुर इलाके के आसफाबाद में एक रेडीमेड की दुकान पर छोटी दिवाली यानी रविवार की रात को जिले के एक अधिकारी की पत्नी कपड़े खरीदने आईं. खबर के अनुसार, यहां पर लेनदेन को लेकर कुछ विवाद हुआ, इसके बाद अधिकारी की पत्नी तो चली गईं. मगर आरोप है कि उनके साथ मौजूद रहे लोगों ने दुकानदार और वहां मौजूद लोगों से मारपीट कर दी. इसके बाद थाना रसूलपुर पुलिस ने दुकान पर मौजूद 5 लोगों- डॉक्टर मुकेश यादव, हरीश चंद्र, दिनेश कुमार, अनुराग और अजय कुमार को हिरासत में लेकर थाने ले आई.

मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को नगर मजिस्ट्रेट ने शांति भंग जैसी धाराओं में जमानत नहीं दी और दिवाली वाले दिन ही पांचों को जेल भेज दिया गया. पुलिस ने डॉ. मुकेश यादव समेत अन्यों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए. लोगों की मानें तो वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में भी यह नजारा कैद हुआ था, लेकिन पुलिस ने घटना के वक्त के फुटेज को अपने कब्जे में ले लिया है.

आपको बता दें कि वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मुकेश यादव को जेल भेजे जाने की खबर जैसे ही पता चली, तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इसमें पैरवी की. इसके बाद सभी लोगों को सोमवार की रात सिटी मजिस्ट्रेट ने जमानत दे दी और रात 8 बजे ही सभी को जेल से रिहा भी किया गया. ऐसा कहा जा रहा है कि अगर प्रशासन दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को सार्वजनिक कर दे, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

दीपावली के मौके पर एक डॉक्टर और व्यापारियों के साथ पुलिस-प्रशासन के इस रवैये पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने रोष व्यक्त किया गया है. फिरोजाबाद क्लब में हुई बैठक में शाखा अध्यक्ष डॉक्टर विनोद अग्रवाल, सचिव डॉक्टर जलज गुप्ता, वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर एसपीएस चौहान, डॉक्टर अपूर्व चतुर्वेदी ने चिकित्सक के साथ हुए इस व्यवहार पर कड़ी निंदा व्यक्त की है और चेतावनी दी कि अगर इस तरह का व्यवहार दोबारा हुआ तो IMA आंदोलन करेगा.

मामला जिले के एक अधिकारी की पत्नी से जुड़ा है और इसमें 5 लोग जेल गए और जमानत पर वापस आए. जेल गए लोगों में एक वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मुकेश यादव भी शामिल थे. इस मामले में चाहे पुलिस प्रशासन हो या जिला प्रशासन कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. प्रश्न ये है कि दुकान पर लगे फुटेज को पुलिस ने क्यों जब्त किया? अगर सीसीटीवी फुटेज सामने आए तो इस मामले की पारदर्शिता से जांच हो सकेगी.

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