संभल DM राजेंद्र पैंसिया ने चेक किया फोन तो टीचर की खुली पोल! क्लासरूम में सब रह गए हैरान

अभिनव माथुर

ADVERTISEMENT

Sambhal News
Sambhal News
social share
google news

Sambhal News: यूपी के संभल जिले में जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई की गुणवत्ता जांचने के लिए निरीक्षण किया, तो यहां पहुंचते ही डीएम शिक्षक बन गए. डीएम ने क्लासरूम में पहुंचकर शिक्षकों द्वारा छात्रों की चेक की हुई कॉपियों को जांचना शुरू किया तो एक-एक करके 6 छात्रों की कॉपियों के 6 पेज में 95 गलतियां सामने आईं. डीएम ने नाराजगी जताते हुए जब शिक्षक का मोबाइल चेक किया तो DIGITAL WELBEING फंक्शन से टीचर द्वारा स्कूल टाइम में लगभग डेढ़ घंटे कैंडी क्रश सागा गेम खेले जाने की हिस्ट्री सामने आई. जबकि 26 मिनट तक फोन पर बातचीत भी की गई थी. यह सब देख डीएम ने शिक्षा विभाग के अफसरों से शिक्षकों की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताई. इसके बाद शिक्षा विभाग ने एक सहायक अध्यापक को निलंबित कर दिया.

जानिए पूरा मामला

दरअसल, संभल ब्लॉक के शरीफपुर गांव की गौशाला में गौवंशीय पशुओं की मौत के बाद घटनास्थल से वापस लौट रहे डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया अचानक शरीफपुर गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में पहुंच गए. डीएम ने कमपोजिट विद्यालय में पहुंचकर निरीक्षण शुरू किया और सबसे पहले क्लासरूम में छात्र-छात्राओं से बातचीत की. इसके बाद डीएम ने क्लासरूम में मौजूद शिक्षक प्रियम गोयल द्वारा चेक की गई कॉपियों को जांचना शुरू किया. 

6 पेज में डीएम को मिलीं 95 गलतियां

डीएम ने एक-एक करके 6 छात्रों की कॉपियों को चेक किया. शिक्षको द्वारा जांची गई कॉपियों में डीएम को हर पेज पर गलतियां मिलीं. इस तरह से डीएम ने 6 छात्रों की कॉपियों के 6 पेज चेक किए, तो शिक्षक द्वारा चेक की गई कॉपियों के 6 पेज में 95 गलतियां देखने के लिए मिलीं. इनमें पहले पेज पर 9 गलतियां, दूसरे पर 23 गलतियां, तीसरे पेज पर 11 गलतियां, चौथे पेज पर 21 गलतियां, पांचवें पेज पर 18 गलतियां और छठे पेज पर 13 गलतियां देखने के लिए मिलीं. 

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

स्कूल के शिक्षकों द्वारा पढ़ाई कार्य में खराब गुणवत्ता को लेकर डीएम ने शिक्षा विभाग के अफसरों के सामने ही नाराजगी जताई. इसके बाद डीएम ने नाराजगी जताते हुए अचानक शिक्षक का मोबाइल चेक किया. शिक्षक के मोबाइल फोन के DIGITAL WELBEING फंक्शन से उसके द्वारा ड्यूटी टाइम में फोन में गेम खेलने से लेकर कॉल ड्यूरेशन तक की हिस्ट्री निकालकर सामने आई. शिक्षक द्वारा साढ़े पांच घंटे के ड्यूटी टाइम में ढाई घंटे मोबाइल फोन का प्रयोग किया गया था और उसमें भी सबसे ज्यादा समय 1 घंटा 17 मिनट तक कैंडी क्रश सागा गेम खेला गया था. 26 मिनट तक फोन पर बातचीत की गई थी. 17 मिनट तक फेसबुक चलाया गया था. 11 मिनट गूगल क्रोम और यूट्यूब सहित अन्य एप यूज किए गए थे.

 

 

इसके बाद डीएम ने विद्यालय के शिक्षकों से नाराजगी जताते हुए स्कूल टाइम में मोबाइल फोन यूज नहीं करने की चेतावनी दी और मौके पर ही मौजूद शिक्षा विभाग के अफसरों को स्कूल टाइम में कैंडी क्रश सागा गेम खेलने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. बाद में बीएसए ने कार्रवाई करते हुए शरीफपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक प्रियम गोयल को निलंबित कर दिया. इसी के साथ डीएम ने बीएसए को विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई कार्य कराने के भी निर्देश दिए हैं.

डीएम ने कही ये बात

डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया, "निरीक्षण के दौरान सभी शिक्षकों की एक-एक कॉपी भी चेक की. उसमें सबसे खराब लगा कि एक शिक्षक का प्राथमिक कर्तव्य है कि बच्चे को सही करना. जब तक शिक्षक बच्चों की गृह पुस्तिका को ठीक से नही जांचेंगे तो बच्चा भविष्य में गलती करेगा और सीखेगा नहीं. जब शिक्षक इतनी गलतियां करेंगे तो हम बच्चों को क्या सिखाएंगे. इसलिए हम चाहते हैं कि बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन मिले और शिक्षक भी अच्छे से कॉपियां चेक करें."

 

 

डीएम ने बताया, "इसके अलावा हमने एक शिक्षक के मोबाइल फोन में डिजिटल वेलबीइंग को चेक किया तो उसके 8 बजे स्कूल आने से लेकर 2 बजे तक के समय के बीच ढाई घंटे तक कैंडी क्रश सागा गेम खेला गया था. इसके अलावा भी एक घंटे और मोबाइल यूज किया गया है. शिक्षक विद्यालय में केवल अपने मूल काम शिक्षण कार्य पर ही ध्यान दें और मोबाइल फोन का व्यक्तिगत यूज घर पर ही करें. इससे शिक्षण कार्य का कायाकल्प होगा और मिशन प्रेरणा में भी नंबर वन रहेंगे."
 

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT