लखीमपुर खीरी: वनविभाग की हजारों हेक्टेयर भूमि पर कब्जा, बाघ समेत कई जंगली जानवर आ रहे बाहर
Lakhimpur Kheri News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में वन विभाग की करीब डेढ़ लाख बीघे से ज्यादा की जमीन पर पिछले कई सालों…
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Lakhimpur Kheri News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में वन विभाग की करीब डेढ़ लाख बीघे से ज्यादा की जमीन पर पिछले कई सालों से लोगों का कब्जा है. वन विभाग की जमीन पर कब्जे से सबसे ज्यादा परेशानी जंगली जानवरों को विचरण के दौरान होती है और हादसे होने का डर भी बना रहता है.
वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa National Park & Tiger Reserve) और नॉर्थ खीरी बफर जोन में करीब 9,265 हेक्टेयर जमीन पर भू-माफियाओं सहित और भी लोगों का कब्जा है. तो वहीं साउथ खीरी क्षेत्र में भी करीब 745 हेक्टेयर जमीन पर लोगों का कब्जा है.
नॉर्थ खीरी और दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन के डीएफओ सुंदरेष का कहना है कि नार खीरी और दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन की करीब 9265 हेक्टेयर भूमि पर लोगों ने कब्जा कर रखा है, जिसके चलते 2671 लोगों को विभाग की ओर से नोटिस भी जारी किया गया है.
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जंगली जानवरों को हो रहा नुकसान
नॉर्थ खीरी और दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन के डीएफओ सुंदरेष ने कहा कि, जंगल की जमीन पर इंसानी कब्जा हो गया है, इसीलिए जंगल में रहने वाले बाघ और कई अन्य जानवर बाहर निकल रहे हैं और उन्हें नुकसान पहुंच रहा है. वही साउथ वन प्रभाग के डीएफओ संजय कुमार विश्वास का कहना है कि हमारे डिवीजन की करीब 700 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर लोगों ने कब्जा जमा रखा है.
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जंगली जानवर कहां जाए
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि लखीमपुर खीरी जिले में जब वन विभाग की डेढ़ लाख बीघे से ज्यादा जमीन पर इंसानों ने कब्जा कर रखा है तो जंगली जानवर जाए को कहां जाए? ऐसे में जंगली जानवर जंगलों से भटककर बाहर निकल रहे हैं, जिससे इंसानों और जानवरों में टकराव हो रहा है. जानवर आबादी में आकर लोगों पर हमला कर रहे हैं.
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इस पूरे मामल पर सुंदरेश ( डीएफओ नॉर्थ ) ने बताया, “इंसानी कब्जों की वजह से टाइगर को नुकसान पहुंच रहा है. उसे घूमने के लिए पहले बहुत क्षेत्र था. मगर अब जंगल की जमीन पर इंसानी कब्जा है. इसी वजह से टाइगर के बाहर दिखने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. हम अपने स्तर से लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. प्रयास कर रहे हैं. अगर इंसानी कब्जा मुक्त हो गया तो जंगली जानवरों को काफी राहत मिलेगी.”
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