महाकुम्भ को प्लास्टिक मुक्त रखने की खास पहल, मिशन मोड में काम जारी
अगले साल जनवरी में लगने जा रहे महाकुम्भ को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाने की अनूठी पहल की जा रही है. महाकुम्भ को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में विभिन्न दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकाने आवंटित की जा रही हैं.
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Maha kumbh 2025: अगले साल जनवरी में लगने जा रहे महाकुम्भ को स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल बनाने की अनूठी पहल की जा रही है. महाकुम्भ को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में विभिन्न दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकाने आवंटित की जा रही हैं. अपर मेलाधिकारी (कुम्भ) विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त वातावरण देने का प्रयास किया जा रहा है जिसके लिए विभिन्न दोना-पत्तल विक्रेताओं को दुकानें आवंटित की जा रही हैं और जल्द ही आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
उन्होंने बताया कि 400 स्कूलों के प्राचार्यों के साथ स्वच्छता पर विशेष बैठक आयोजित की गई है तथा छात्रों को स्वच्छता का संदेशवाहक बनाकर प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ की जागरूकता बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. चतुर्वेदी ने बताया कि 1500 से अधिक गंगा सेवादूतों को तैनात किया जा रहा है, जो मेले में स्वच्छता अभियान चलाएंगे और श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए प्रेरित करेंगे. उनके मुताबिक, इनका प्रशिक्षण शुरू हो चुका है और आवश्यकता के अनुसार इनकी संख्या में वृद्धि किए जाने की भी योजना है.
उन्होंने बताया कि प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए ‘हर घर दस्तक’ अभियान चलाया जा रहा है, ताकि हर व्यक्ति इस पहल में सहभागी बन सके. चतुर्वेदी ने बताया कि इसके साथ ही, सभी सुविधा पर्चियों में प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ का संदेश दिया जा रहा है ताकि श्रद्धालु जागरूक रहें और प्लास्टिक का उपयोग न करें. अपर मेलाधिकारी ने बताया कि महाकुम्भ में तैनात सभी संस्थाओं और विक्रेताओं को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे प्लास्टिक मुक्त कुम्भ के नियमों का पालन करें तथा निर्देश का उल्लंघन करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
(भाषा के इनपुट के साथ)
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