रामपुर में शराब व्यापारी का एनकाउंटर फर्जी, IPS शगुन गौतम समेत पूरी टीम दोषी, जानें मामला
एनकाउंटर से वाहवाही लूटकर सुपर कॉप बनने वाले रामपुर के पूर्व एसपी अब फर्जी मुठभेड़ करने के मामले में फंस गए हैं. डीआईजी की जांच…
ADVERTISEMENT
एनकाउंटर से वाहवाही लूटकर सुपर कॉप बनने वाले रामपुर के पूर्व एसपी अब फर्जी मुठभेड़ करने के मामले में फंस गए हैं. डीआईजी की जांच में रामपुर के पूर्व एसपी शगुन गौतम समेत 11 पुलिसकर्मी शराब व्यापारी के फर्जी एनकाउंटर और वसूली के खेल में दोषी पाए गए हैं. डीआईजी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. जल्द जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों के खिलाफ कारवाई होने जा रही है.
रामपुर की मिलक थाना क्षेत्र में 6 अप्रैल 2021 को पुलिस ने दावा किया कि एक टैंकर में 32 लाख रुपये के कीमत की तस्करी कर लाई जा रही थी. शराब को पकड़ने के दौरान पुलिस से मुठभेड़ हुई, जिसमें 3 लोग घायल हुए. घायल हुए लोगों में एक रामपुर का व्यापारी संजीव गुप्ता भी था.
पुलिस ने दावा किया कि बरामद शराब संजीव गुप्ता की ही थी. एसपी रामपुर रहे शगुन गौतम की अगुवाई में रामपुर की एसओजी ने उस समय खूब वाहवाही लूटी. शराब व्यापारियों पर नकेल कसने की बयानबाजी की गई. शराब तस्करी और पुलिस से मुठभेड़ के आरोप में गिरफ्तार संजीव गुप्ता को रामपुर पुलिस ने जेल भेज दिया.
संजीव गुप्ता कई महीने बाद जेल से छूटे तो उन्होंने पुलिस के इस एनकाउंटर पर शिकायत करना शुरू किया. अफसरों को सीसीटीवी से लेकर कॉल रिकॉर्डिंग तक सुनाई गई. मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में गया तो जांच डीआईजी मुरादाबाद से शलभ माथुर को सौंप दी गई.
डीआईजी शलभ माथुर ने जांच शुरू की तो सबसे पहले व्यापारी संजीव गुप्ता को बयान के लिए बुलाया. संजीव गुप्ता ने 4 अप्रैल 2021 की रात 11:30 अपने घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग डीआईजी को सौंपी, जिसमें एसओजी की टीम संजीव गुप्ता को घर से ले जाते हुए दिखाई दे रही है. इसके बाद संजीव गुप्ता ने रामपुर के एसपी रहे शगुन गौतम से हुई अपनी बेटी की बातचीत की रिकॉर्डिंग दी, जिसमें उनकी बेटी एसपी के पर्सनल नंबर पर कॉल कर बता रही है कि पुलिस उसके पिता को आधी रात में बिना कुछ बताए उठा ले गई है.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
संजीव गुप्ता ने बयान दर्ज कराए कि अगले दिन सुबह 5 अप्रैल को उसकी तबीयत खराब हुई तो चौकी इंचार्ज ज्वालानगर राजेश कुमार ने उसकी बेटी को फोन कर दवाई मंगवाई. दवा मंगाने की रिकॉर्डिंग भी संजीव गुप्ता ने डीआईजी को सौंपी. संजीव गुप्ता ने आरोप लगाया कि रात में घर से उठाए जाने के बाद उसे मिलक कोतवाली ले जाया गया. मिलक कोतवाली के बाद कैमरी थाने ले जाया गया और फिर वापस मिलक कोतवाली में रखा गया.
संजीव गुप्ता ने आईपीएस शगुन पर सीधे आरोप लगाया कि घर से उठाने के बाद एसओजी की टीम उसे सीधे एसपी साहब के पास ले गई. जहां पर उससे 10 लाख रुपये मांगे गए. परिवार से 10 लाख रुपये मंगाकर व्यापारी ने पुलिस को दे भी दिए. उसके बाद भी अगले दिन उसे आबकारी अधिनियम और पुलिस मुठभेड़ के फर्जी मुकदमे में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
व्यापारी संजीव गुप्ता का बयान दर्ज कराने के बाद डीआईजी शलभ माथुर ने उन पुलिसकर्मियों के भी बयान दर्ज किए, जो इस पूरी मुठभेड़ में शामिल थे.
ADVERTISEMENT
DIG मुरादाबाद शलभ माथुर ने इस मुठभेड़ की जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. सूत्रों की मानें तो इस जांच रिपोर्ट में पूर्व एसपी रामपुर शगुन गौतम समेत 11 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं. इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है. जल्द शासन इस पर निर्णय लेगा.
इस जांच रिपोर्ट में रामपुर के आबकारी इंस्पेक्टर की भूमिका भी सवालों के घेरे में रही, जिसके लिए आबकारी आयुक्त को कार्रवाई करने के लिए लिखा गया है.
रामपुर: 4 हिंदू परिवार को मिली जान से मारने की धमकी, चिट्ठी पर लिखा था ISI, पुलिस ये बोली
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT