इलाहाबाद HC ने ज्ञानवापी में ASI सर्वे पर बढ़ाया स्‍टे, कोर्ट में क्या हुआ सब कुछ जानिए

कुमार अभिषेक

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Gyanvapi Dispute: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे पर स्‍टे को गुरुवार तक बढ़ा दिया है. अब इस मामले में गुरुवार को दोपहर साढ़े तीन बजे सुनवाई होगी. आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में एएसआई के एडिशनल डिप्टी डायरेक्टर आलोक त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि अभी तक सर्वे का 5 प्रतिशत काम हुआ है. वहीं, दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष ने एएसआई का हलफनामा पढ़ने और अपनी दलील रखने के लिए कुछ और समय की मांग की है. इसे देखते हुए कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे पर फिलहाल रोक लगा दी है.

कोर्ट में हुई ये सब बातचीत

मस्जिद कमिटी के वकील एसएफए नकवी: “यह कोई संरक्षित साइट नहीं है.”

ASI अधिकारी: “ऐसा नहीं है. लेकिन एएसआई अपने एक्ट के मुताबिक सर्वे कर सकता है. आवेदन के आधार पर केंद्र सरकार मंजूरी दे सकती है.”

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सीजे (चीफ जस्टिस): “एक पक्ष कहता है कि यह मंदिर है, दूसरा कहता है कि यह मस्जिद है. आप क्या करते हैं?”

सीजे ने एएसआई अधिकारी से अपना हलफनामा पढ़ने को कहा.

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ASI से सीजे: “क्या टीम अभी भी साइट पर है? अभी शाम के 5 बजे हैं, उन्हें तोड़फोड़ या खुदाई शुरू नहीं करनी चाहिए.”

सीजे ने एएसआई अधिकारियों को टीम को सूचित करने का निर्देश दिया.

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एएसआई अधिकारी ने हलफनामे में कहा: “Structure को कोई नुकसान पहुंचाए बिना कोई भी गतिविधि नहीं की जाएगी. रडार सर्वे और जीपीआर सर्वे के लिए आईआईटी कानपुर की टीम को बुलाया जाएगा.”

फिलहाल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई के आदेश पर कल तक रोक लगा दी है. अब इस मामले की सुनवाई कल यानी 27 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे होगी.”

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “आज एएसआई के अडिशनल डायरेक्टर मौजूद रहे. उन्होंने एफिडेविट दायर किया कि जितना भी काम वो कर रहे हैं, वो स्ट्रक्चर को बिना डैमेज पहुंचाए किया जाएगा. कल साढ़े तीन बजे मामले की दोबारा सुनवाई होगी, तब तक एएसआई की कोई कार्रवाई नहीं होगी.”

गौरतलब है कि वाराणसी की एक अदालत ने 21 जुलाई को काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए वजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की अनुमति दे दी थी. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट को दो दिन के भीतर फैसला सुनने का निर्देश दिया. साथ ही तबतक एएसआई की कार्रवाई पर रोक भी लगा दी.

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