वाराणसी के ज्योतिषी, अंकशास्त्री, वास्तुविद ने ‘इंडिया’ और ‘भारत’ के लिए की ये भविष्यवाणी

रोशन जायसवाल

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Uttar Pradesh News : देश में एक नई बहस भारत बनाम इंडिया की छिड़ी हुई है. राजनीतिक अखाड़े के अलावा यह आम लोगों में भी चर्चा का मुद्दा बना हुआ है. लेकिन ज्योतिष, अंकशास्त्र और वास्तु के अनुसार ‘भारत’ नाम को कैसे देखते हैं और क्या ‘भारत’ नाम से देश का नया भाग्योदय होगा? इस पर वाराणसी (Varanasi News) के ज्योतिषी, अंक शास्त्रियों और वास्तु शास्त्रियों ने रौशनी डाली है.

‘भारत’ नाम देश के लिए कितना है सौभाग्यशाली?

इस मुद्दे पर ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी ने यूपी तक को बताया कि, ‘ज्योतिष और धर्म शास्त्र की माने तो जैसा व्यक्ति, स्थान और वस्तु का नाम होता है. उसी प्रकार से उस व्यक्ति का व्यक्तित्व और कृतित्व भी होता है. उसका आभामंडल भी उसी प्रकार का होता है. जैसे किसी व्यक्ति का नाम राम हो जाए तो उसमें रामत्व की सकारात्मक ऊर्जा संभावना अधिक रहती है.’

उन्होंने आगे कहा कि, ‘भारत शब्द की उत्पत्ति भरत शब्द से हुई है. जिसका मतलब होता है सबका भरण-पोषण करने वाला, जो पूरे विश्व के भरण-पोषण और कल्याण की भावना जिसके अंदर निहित हो वह भरत यानी भारत है. जो रिक्त स्थान को भरता रहे वही भारत है. इसलिए भारत समग्र चेतना का प्रतीक और लोक कल्याण का भी प्रतीक है और निर्भिकता का प्रतीक है. इसलिए समग्र धर्म शास्त्र एवं ज्योतिष भारत नाम की प्रशंसा करते नहीं थकते हैं. इसके विपरीत इंडिया शब्द का हमारे यहां कोई अस्तित्व ही नहीं है. ज्योतिष और धर्मशास्त्र में. इसलिए देश का नाम भारत ही होना चाहिए. क्योंकि हमारे धर्म शास्त्र और ज्योतिष के ग्रंथों में ही भारत शब्द अनंत काल से चला आ रहा है. यदि देश का नाम भारतवर्ष हो जाएगा तो यह पूरे विश्व का नेतृत्वकर्ता हो जाएगा.’

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‘इंडिया’ और ‘भारत’ के लिए की ये भविष्यवाणी

वहीं अंकशास्त्री स्वाती ने बताया कि, ‘भारत का नाम विष्णु पुराण के अनुसार राजा भरत के नाम पर देश का नाम भारत पड़ा है. जब भारत का नाम सिर्फ भारत था तो भारत सोने की चिड़िया कहलाती थी और भारत की सभी देशों से मित्रता भी थी और खुशहाल देश था. जबसे भारत का नाम इंडिया हुआ तभी से दुश्मन देशों से वैमनस्यता बढ़ गई. इंडिया नाम देकर विदेशी आक्रांताओं ने देश को बहुत लूटा भी. जहां तक अंकशास्त्र की माने तो भारत के नाम की गणना में कुल 15 अंक मिलते हैं. लेकिन अंकशास्त्र में एक शब्द से ही आकलन किया जाता है. इसलिए 1+5 को जोड़ने पर 6 नंबर ही मिलता है. 6 नंबर अंकशास्त्र में शुक्र का नंबर माना जाता है. शुक्र ग्रह रुतबा, शोहरत, मान-सम्मान और धन-संपदा देने वाले माने जाते हैं. ये शुक्र 1 और 5 से मिलकर बना है. जहां 1 नंबर राजा का होता है और 5 नंबर स्थिरता का नंबर होता है. इस लिहाज से भी देखे तो सिर्फ भारत नाम पड़ने से हमारा देश भारत विश्वगुरू बनेगा और हमेशा ऊंचाइयों को छूता भी रहेगा. उन्होंने अंत में बताया कि भारत नाम देश का हो जाने से एक बार फिर हमारा राष्ट्र को सोने की चिड़िया बनने से कोई रोक नहीं सकता है.’

6 अंक है काफी शुभ

देव ज्योतिषी पंडित अश्विनी पांडेय ने बताया कि, ‘अंक ज्योतिष के अनुसार भारत का मूलांक 6 है. BHARAT 2+5+1+2+1+4 =15 1+5 = 6 ज्योतिष में 6 अंक का बहुत ही ज्यादा महत्व है. 6 अंक वह भारत देश के लिए इंडिया नाम से बहुत ही ज्यादा बेहतर है. क्योंकि इंडिया का मूलांक तीन आता है. जबकि भारत का मूलांक 6 है. अंक ज्योतिष में सभी जानते हैं कि 6 अंक का बहुत ही ज्यादा महत्व है. जिसे बहुत ही सफलता दायक और आर्थिक, आध्यात्मिक, वैज्ञानिक, सभी में सफलता पाने वाला माना जाता है. यदि भारत देश का नाम आधिकारिक रूप से सभी जगह भारत कर दिया जाए तो इससे भारत की ख्याति, संपन्नता, खुशहाली, प्रगति और अधिक बढ़ जाएगी और भारत निश्चित ही विश्व गुरु के पद पर स्थापित होगा.’

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