वाराणसी: 10 साल पहले हुए नृशंस हत्याकांड में 3 को मृत्युदंड, एक महिला को आजीवन कारावास

रोशन जायसवाल

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वाराणसी (Varanasi Crime News) में 10 वर्षों पहले संपत्ति के विवाद में एक मजार पर 4 लोगों की हत्या के मामले में शुक्रवार को जिला जज की अदालत ने तीन पुरुषों को मृत्युदंड, जबकि एक महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं कोर्ट ने मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया है.

क्या था मामला?

साल 2012 में वाराणसी के चौक थाना अंतर्गत बेनियाबाग मैदान के पास रहीम साहब बाबा की मजार पर चार लोगों की हत्या की गई थी, जिसमें 2 लोग मजार पर ही निर्मम हत्या के शिकार हो गए थे जबकि दो की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

शुक्रवार को वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 10 साल चली कोर्ट की कार्यवाही, तमाम तारीखों के बाद चार आरोपियों में से 3 को फांसी की सजा सुनाई, जबकि एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

फांसी पाने वाले तीनों आरोपियों के नाम अमजद, रमजान और अरशद है, जबकि शकीला को उम्रकैद की सजा हुई है. शकीला को लगभग एक लाख रुपए का जुर्माना भी चुकाना पड़ेगा. जुर्माना अदा न करने पर शकीला को 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

शकीला की तरफ से जुर्माने की रकम का आधा पैसा मुआवजे के तौर पर पीड़ित परिवार को मिलेगा. इस हत्याकांड के पीछे मूल विवाद कब्रिस्तान की जमीन से लगायत आरोपी अमजद के मकान के विवाद की लड़ाई पड़ोसी से थी.

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मृत्युदंड के फैसले के बाद अभियोजन पक्ष की तरफ से बड़ी भूमिका अदा करने वाले जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक चंद्र शुक्ला ने बताया कि इस पूरे नृशंस हत्याकांड में कुल 5 आरोपी थे, जिसमें 4 को सजा आज सुनाई गई है. सजा के अंतर्गत तीन पुरुष आरोपियों को मृत्युदंड, जबकि एक महिला आरोपी को आजीवन कारावास की सजा के अलावा एक लाख रुपए जुर्माना भी चुकाना पड़ेगा. जबकि एक अन्य आरोपी इकबाल राइन बरी हो चुका है, जिसके खिलाफ हाई कोर्ट में जाने की तैयारी है.

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