वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन की क्या है प्रक्रिया? जानें टाइमिंग और इसके खास रिवाज
काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी (काशी) में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है. यह मंदिर भगवान शिव के अवतार विश्वनाथ के नाम पर समर्पित है. इसे…
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काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी (काशी) में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है. यह मंदिर भगवान शिव के अवतार विश्वनाथ के नाम पर समर्पित है. इसे हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है. दर्शनीयता, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक महत्व के लिए यह मंदिर जाना जाता है. यहां हर साल देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. श्रद्धालु मंदिर में स्पर्श दर्शन भी कर सकते हैं. आज के लेख में हम आपको बाबा विश्वनाथ के गर्भ गृह में स्पर्श दर्शन की प्रक्रिया और इससे जुड़े रिवाज के बारे में बताएंगे.
अभी सावन का महीना चल रहा है और दर्शन के दौरान मंदिर में होने वाले भीड़ नियंत्रण के मद्देनजर 4 जुलाई से 31 अगस्त तक गर्भ गृह में स्पर्श दर्शन पर रोक लगी है. इसके अलावा सभी 8 सोमवारों को वीआईपी दर्शन पर भी रोक लगी हुई है.
स्पर्श दर्शन के लिए देना होता है शुल्क
स्पर्श दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को एक शुल्क देना होता है. शुल्क की राशि समय-समय पर बदलती रहती है. आप मंदिर के वेबसाइट पर जाकर शुल्क की राशि की जानकारी ले सकते हैं. हालांकि, वर्तमान में स्पर्श दर्शन का शुल्क 500 रुपये है. यह शुल्क भारतीय नागरिकों और विदेशी नागरिकों के लिए समान है. बता दें कि स्पर्श दर्शन के लिए आप शुल्क का भुगतान नकद या डेबिट/क्रेडिट कार्ड के जरिए मंदिर के प्रवेश द्वार पर कर सकते हैं.
ऐसे करें स्पर्श दर्शन
मंदिर के गर्भ गृह में पहुंचने के बाद आप शिवलिंग की दिशा में जाएं और आदरपूर्वक ध्यान केंद्रित करें. यहां आप अपने हाथों को शिवलिंग के आसपास ले जा सकते हैं.
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शिवलिंग को छूने के बाद आप मंदिर परिसर में ही बैठकर मंत्र जाप भी कर सकते हैं. आप भगवान शिव का ध्यान भी कर सकते हैं. यह आपकी आध्यात्मिक अनुभवना को और भी मजबूत बना सकता है.
क्या है दर्शन की टाइमिंग?
मंदिर प्रतिदिन सुबह 2:30 बजे खुलता है और रात 11 बजे होता है. शिव भक्त सुबह 4:00 बजे से सुबह 11:00 बजे तक, दोपहर 12:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक, रात 8:30 बजे से रात 9:00 बजे तक मंदिर में दर्शन कर सकते हैं. हालांकि, रात 9:00 बजे के बाद भक्त गर्भ गृह के बाहर से ही भगवान शिव का दर्शन कर सकते हैं.
सुबह 3 से 4 बजे तक मंगला आरती होती है. इसके बाद सुबह 4 से 11 बजे तक मंदिर आम दर्शन के लिए खुला रहता है. सुबह 11:30 से 12 बजे तक पुजारियों द्वारा मध्याह्न भोग आरती की जाती है. फिर दोपहर 12 बजे से शाम 7 बजे तक भक्त बाबा के दर्शन कर सकते हैं. शाम को 7 बजे से 8:30 बजे तक सप्त ऋषि आरती की जाती है. उसके बाद रात 9:00 बजे तक श्रृंगार/भोग आरती शुरू होने तक लोग दर्शन कर सकते हैं.
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