PDA ही राजनीति का भविष्य…बिहार के जातिगत जनगणना परिणाम के बाद अखिलेश ने यूपी में कर दी बड़ी मांग

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Uttar Pradesh News : बिहार सरकार ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना (Cast Census) के आंकड़े जारी कर दिए हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में सबसे ज्यादा 36 फीसदी अति पिछड़ा वर्ग, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से ज्यादा अनुसूचित जाति, 15.52 फीसदी सवर्ण (अनारक्षित वर्ग), और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या है. वहीं बिहार के आंकड़े सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश में भी जातिगत जनगणना की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस पर बड़ी मांग कर दी है.

अखिलेश यादव ने कर दी ये मांग

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर बड़ी मांग की है. अखिलेश ने अपने ट्वीट में कहा कि, ‘जाति आधारित जनगणना सामाजिक न्याय का गणतीय आधार है. भाजपा सरकार राजनीति छोड़े और देशव्यापी जातिगत जनगणना करवाए. जब लोगों को ये मालूम पड़ता है कि वो गिनती में कितने हैं तब उनके बीच एक आत्मविश्वास भी जागता है और सामाजिक नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ एक सामाजिक चेतना भी. इससे समाज बराबरी के मार्ग पर चलता है और समेकित रूप से देश का विकास होता है. जातिगत जनगणना देश की तरक़्क़ी का रास्ता है.’ सपा मुखिया ने आगे कहा कि, ‘अब ये निश्चित हो गया है कि PDA ही भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा.’

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जातिगत जनगणना ने पकड़ा तूल

बता दें कि बिहार में आंकड़े जारी होने के बाद यह मामला तूल पकड़ सकता है. राजद, बसपा, सपा और कांग्रेस लंबे समय से जाति आंकड़े जारी करने की मांग कर रहे हैं. वहीं बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत जनसंख्या 13 करोड़ से ज्यादा बताई है. अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार है.

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