लखीमपुर खीरी हिंसा: टिकैत बोले- टेनी के मंत्री रहते हुए निष्पक्ष कार्रवाई कैसे हो सकती है?
पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकट ने…
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पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकट ने फिर एक बार प्रतिक्रिया दी है. मीडिया से बीतचीत के दौरान टिकैत ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की पद से बर्खास्तगी और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की है.
बीकेयू प्रवक्ता ने कहा,
“पीड़ित परिवारों को न्याय अभी तक नहीं मिला है, इसके लिए एसकेएम का आंदोलन जारी रहेगा. परिवारों को न्याय मिलना चाहिए.”
राकेश टिकैत
उन्होंने आगे कहा, “अजय मिश्र टेनी के मंत्री के पद रहते हुए निष्पक्ष कार्रवाई कैसे हो सकती है? इसका सरकार जवाब दे. सवाल यह है कि 120B में नामजद होने के बाद भी केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया जा रहा? साजिश में शामिल होना भी अपने आप पर अपराध है. इसके लिए मंत्री की बर्खास्तगी होनी चाहिए.”
गौरतलब है कि पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में चार किसान और एक पत्रकार सहित कुल आठ लोग मारे गए थे. यह हिंसा तब हुई थी जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे.
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उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक वाहन जिसमें अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा बैठे थे, उसने चार किसानों को कुचल दिया था. घटना के बाद गुस्साए किसानों ने वाहन चालक और दो बीजेपी कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था.
इस दौरान हुई हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी. केंद्र के अब निरस्त किए जा चुके कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे विपक्षी दलों और किसान समूहों में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश था.
फिलहाल, उच्चतम न्यायालय से जमानत रद्द होने के बाद आशीष मिश्रा ने लखीमपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंताराम की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है. इसके बाद उन्हें फिर से जेल भेज दिया गया.
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