अखिलेश ने लगाया बड़ा आरोप, बोले- यूपी सरकार ने चुनावों में धांधली से ध्यान भटकाने के लिए संभल हिंसा की साजिश रची
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राज्य सरकार पर हाल में संपन्न उपचुनावों में हुई 'धांधली' से ध्यान भटकाने के लिए संभल में हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया.
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Aligarh news: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राज्य सरकार पर हाल में संपन्न उपचुनावों में हुई 'धांधली' से ध्यान भटकाने के लिए संभल में हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया. अलीगढ़ में पत्रकारों से मुखातिब अखिलेश ने सरकार की तीखी आलोचना करते हुए दावा किया कि संभल हिंसा विकास में विफलता से ध्यान हटाने की सरकार की कोशिश का हिस्सा थी. उन्होंने कहा, 'लोगों को ध्रुवीकृत करने और शासन में अपने खराब रिकॉर्ड से उनका ध्यान हटाने के लिए सांप्रदायिक अशांति भड़काने में भाजपा का निहित स्वार्थ है.'
सपा प्रमुख ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए विभाजन पैदा करना चाहती है और रोजगार, शिक्षा एवं गरीबी उन्मूलन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति की कमी को लेकर जनता की जांच से बचना चाहती है. अखिलेश ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है. उन्होंने कहा, 'भाजपा सरकार पूरी तरह से तानाशाही पर उतारू है. प्रदेश में अन्याय और अत्याचार चरम पर है. भाजपा का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है. उत्तर प्रदेश में आपातकाल जैसी स्थिति है.'
उत्तर प्रदेश के संभल में एक अदालती आदेश के तहत 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसके परिणामस्वरूप चार लोगों की मौत हो गई और कम से कम 25 लोग घायल हो गए. लखनऊ में जारी एक बयान के अनुसार, अखिलेश ने सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन का प्रतिबंध जब सिर्फ संभल जिले में है, तो भाजपा सरकार ने विधानसभा में विरोधी दल के नेता माता प्रसाद पांडेय, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव और समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल और विधायक रविदास मेहरोत्रा को उनके घरों से क्यों नहीं निकलने दिया है.
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क्या सरकार ने पूरे प्रदेश में आपातकाल लगा दिया: अखिलेश यादव
उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में आपातकाल लगा दिया है? अखिलेश ने कहा, 'विधानसभा में विरोधी दल के नेता और सपा के प्रदेश अध्यक्ष अपने घर से समाजवादी पार्टी के दफ्तर भी नहीं जा सके. जनप्रतिनिधियों को इस तरह से नजरबंद करना लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है. भाजपा जब से सत्ता में आई है, लोकतंत्र और संविधान को कुचल रही है.' उन्होंने संभल प्रशासन द्वारा सपा के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति न देने पर कहा, 'हम क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति की तत्काल बहाली चाहते हैं, लेकिन जब प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के साथ कोई संवाद नहीं है, तो शांति कैसे हो सकती है?'
अखिलेश ने जिला अधिकारियों पर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार को डर है कि जनता को अपनी चिंता व्यक्त करने की अनुमति देने से हिंसा के पीछे की सच्चाई सामने आ जाएगी. अखिलेश ने कहा, 'जब सर्वेक्षण दल ने संभल मस्जिद का दौरा किया, तो स्थानीय समुदाय ने पूरा सहयोग किया. कोई परेशानी नहीं हुई. इसके बावजूद अधिकारियों ने सर्वेक्षण को दोहराने का फैसला किया और इस बार उन्होंने टीम के साथ कुछ लोगों को जाने दिया, जिन्होंने भड़काऊ नारे लगाए.'
अधिकारियों ने जानबूझकर हिंसा भड़काई: अखिलेश
उन्होंने दावा किया कि इस कार्रवाई ने अनावश्यक रूप से तनाव बढ़ाया, जिससे पता चलता है कि अधिकारियों ने जानबूझकर हिंसा भड़काई. अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नीत सरकार पर चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को नष्ट करके 'भारत के संविधान को जानबूझकर कमजोर करने' का भी आरोप लगाया. हाल ही में उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में सपा केवल दो सीटों पर जीत हासिल कर सकी, जबकि शेष सीटें भाजपा और उसके सहयोगी रालोद ने जीतीं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है. ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फसाद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए, तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता.'
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उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी ने संभल की घटना में मारे गए निर्दोष लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है. अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि भाजपा सरकार संभल हिंसा में मृतक आश्रितों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दे.
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