यूपी में आज चुनाव हुए तो बसपा से आगे निकल जाएगी चंद्रशेखर की पार्टी, मिलेंगी इतनी सीटें...चौंकाऊ हैं नतीजें

यूपी तक

ADVERTISEMENT

bhim army
bhim army
social share
google news

Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में दलित पॉलिटिक्स के नए नेता को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. इस बार आम चुनाव में जब मायावती की पार्टी बसपा का खाता नहीं खुल सका है, तब चंद्रशेखर ने बिजनौर जिले की नगीना (आरक्षित) सीट से बड़े अंतर से जीत दर्ज की. चंद्रशेखर की जीत के मायने भी निकाले जा रहे हैं. अब सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर की पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. इस बीच यूपी Tak ने अपने विश्लेषण में ये पाया है कि अगर आज यूपी में विधानसभा चुनाव हो गए तो चंद्रशेखर की पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी.   

आज चुनाव हुए तो चंद्रशेखर करेंगे कमाल

वैसे तो यूपी में विधानसभा चुनाव 2027 में होने वाले हैं, लेकिन राजनीतिक जमीन को मजबूत करने के लिए चंद्रशेखर आजाद अभी से ही मैदान में जुटे हुए नजर आ रहे हैं. आइए जानते हैं कि अगर यूपी में अभी चुनाव होते हैं तो चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी कितना कमाल कर पाएगी.   इस सवाल का जवाब हासिल करने के लिए यूपी तक ने सभी विधानसभाओं से जानकारी एकत्रित कर ये पता किया कि सूबे में कौन आगे रहेगा. अगर लोकसभा चुनाव के परिणाम को विधानसभा में परिवर्तित कर दिया जाए तो चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी को 5 सीटें मिल सकती हैं. वहीं इंडिया गठबंधन (सपा और कांग्रेस) को 224, भाजपा के नेतृत्व वाले NDA को 174 सीटें मिल सकती हैं.

बसपा का बुरा हाल

UP Tak के विश्लेषण में सामने आया है कि अगर आज यूपी में विधानसभा चुनाव हुए तो बसपा को एक बार फिर यूपी में करारा झटका लगने जा रहा है. बसपा यूपी में एक भी विधानसभा सीट जीतने नहीं जा रही है. अगर आज चुनाव हुए तो बसपा यूपी की एक भी सीट पर टक्कर देती हुए भी नहीं दिख रही है. 

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

वोट बैंक में लगा बड़ा सेंध


बता दें कि बसपा 2024 के चुनाव में अकेले दम पर उतरी थी. लेकिन नतीजे आए तो एक दशक बाद फिर चारों खाने चित हो गई है. 2014 के बाद 2024 में भी बसपा का खाता नहीं खुल सका है. यूपी में दलित के साथ अल्पसंख्यक वोट भी बसपा के हाथ से छिटक गए हैं. 2019 में बसपा का वोट शेयर 19.43 प्रतिशत था, लेकिन अब सिर्फ 9.35 प्रतिशत ही रह गया है. इन नतीजों के बाद कहा जा रहा है कि यूपी की राजनीति में दलितों में अब सिर्फ 9.35 प्रतिशत ही रह गया है. इन नतीजों के बाद कहा जा रहा है कि यूपी की राजनीति में दलितों में नई चेतना के उभार के तौर पर देखा जा रहा है.
 

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT