अखिलेश और सपा पर हमला करने का बाद योगी सरकार से ये कैसी अपील करने लगीं मायावती?

आयुष अग्रवाल

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Up Politics: उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी राजनीतिक दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) एक-दूसरे के सामने आ गईं हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) जहां बीएसपी चीफ मायावती (Mayawati) पर लगातार तंज कस रहे हैं तो वहीं बीएसपी चीफ भी सपा मुखिया पर बिफरीं पड़ी हैं. इसी बीच एक बार फिर यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश यादव और सपा पर कई बड़े हमले बोले हैं.

मायावती ने सपा से अपनी सुरक्षा को भी खतरा बताया है और सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार से अपील की है. मायावती ने अखिलेश और सपा पर हमला करते हुए गेस्ट हाउस कांड को भी याद किया है और सपा को एक बार फिर दलित विरोधी बताया है.

क्या कहा बसपा चीफ मायावती ने

बता दें कि मायावती ने एक के बाद एक कई ट्वीट सोशल मीडिया X पर किए. इस दौरान मायावती, सपा और अखिलेश यादव पर बेहद आक्रामक नजर आईं. मायावती ने कहा, “सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है, हालांकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबंधन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा फिर से अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेंडे पर आ गई.

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गेस्ट हाउस कांड का किया जिक्र

बसपा चीफ मायावती ने आगे कहा, अब सपा मुखिया जिससे भी गठबंधन की बात करते हैं, उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है. वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए और इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं, जिनमें बीएसपी यूपी स्टेट आफिस के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी है, जहां से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं, जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा है.

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‘सपा से खतरे में सुरक्षा’

मायावती ने आगे ट्वीट किया, इस असुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा सुझाव पर पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुंचने पर वहां पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है.

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बसपा चीफ ने आगे कहा,  “ऐसे हालात में बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है. वरना फिर यहां कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. साथ ही, दलित-विरोधी तत्वों से भी सरकार सख़्ती से निपटे. पार्टी की यह भी मांग है.

सपा-बसपा में बढ़ी तकरार

बता दें कि कुछ दिन पहले ही अखिलेश यादव ने मायावती को लेकर तंज कसा था. उन्होंने कहा था ‘चुनाव के बाद उनकी गारंटी कौन लेगा’. अखिलेश के इस तंज पर मायावती बीते रविवार सपा मुखिया पर खूब बिफरीं थी. उन्होंने सपा को दलित विरोधी करार देते हुए सपा और अखिलेश पर कई सियासी हमले बोले थे. अब देखना ये होगा कि सपा-बसपा में बढ़ रही ये तकरार आगे क्या करवट लेती है.

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