घोसी उपचुनाव: सुधाकर सिंह बोले- सही से मतगणना हो तो 50 हजार वोट से जनता चुनाव जीतेगी
उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा उपचुनाव (Ghosi by-election) के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई. वोटिंग के बाद अब सभी लोगों की निगाहें आगामी 8 सितंबर…
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उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा उपचुनाव (Ghosi by-election) के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई. वोटिंग के बाद अब सभी लोगों की निगाहें आगामी 8 सितंबर को आने वाले चुनाव परिणाम पर टिक गई हैं. यहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दारा सिंह चौहान और समाजवादी पार्टी (सपा) के सुधाकर सिंह के बीच सीधा मुकाबला देखा गया.
मतदान के दौरान सुधाकर सिंह ने प्रशासन पर उपचुनाव में धांधली का आरोप लगाया. वोटिंग के अगले दिन यानी बुधवार को सुधाकर सिंह ने यूपीतक से खास बातचीत में यही आरोप प्रशासन पर फिर लगाए. उन्होंने कहा कि वोटिंग के दौरान प्रशासन परेशान कर रहा था इसलिए वो दौड़ रहे थे.
वहीं, सुधाकर सिंह ने दावा किया कि अगर सही से मतगणना हो जाए तो 50 हजार वोट से घोसी की जनता चुनाव जीत जाएगी.
सुधाकर सिंह ने कहा,
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“पुलिस कप्तान खुद पार्टी बनकर अपने विभाग को लेकर वोट मांग रहे थे. कप्तान के इस रवैये के कारण 10-20 फीसदी समस्या आई और 10 प्रतिशत मतदान कम हो गया. 60 फीसदी से कम मतदान नहीं होना चाहिए था.”
जब सुधाकर सिंह से पूछा गया कि आपके मुताबिक मतदान कम हुआ है तो क्या आपके चुनाव पर कुछ असर पड़ेगा, तो इसपर उन्होंने कहा कि जितना मतदान हुआ है उसी में फैसला हो जाएगा.
मतगणना की तैयारी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सुधाकर सिंह ने कहा, “जितनी सर्तरकता बरतनी चाहिए उतनी बरती जा रही है. फिर भी अगर प्रशासन चोरी करना चाहेगा, जो चोर पकड़ने वाला अगर वो खुद चोरी करने लगेगा तो उसके तमाम तरीके हैं.”
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बता दें कि घोसी से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और अन्य पिछड़ा वर्ग के नेता दारा सिंह चौहान के गत जुलाई में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे देने और भाजपा में शामिल होने के बाद इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है.
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार रहे दारा सिंह चौहान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के विजय राजभर को 22,536 मतों के अंतर से पराजित किया था.
इस उपचुनाव को उत्तर प्रदेश में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी दलों के गठजोड़ ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव रिलायंस) के बीच पहली चुनावी भिड़ंत के तौर पर देखा जा रहा है.
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