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यूपी में अगर आज हुए विधानसभा चुनाव तो चंद्रशेखर की पार्टी को मिलेंगी कितनी सीटें? नतीजा चौंकाऊ

यूपी तक

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UP News: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे अब सबके सामने हैं. नतीजे घोषित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले NDA ने सरकार बनाई और नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने. मगर इस चुनाव में आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर के लिए एक खुशखबरी सामने आई. बता दें कि चंद्रशेखर अपनी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के बैनर तले नगीना से सांसद बन गए. अब सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर की पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. इस बीच यूपी Tak ने अपने विश्लेषण में ये पाया है कि अगर आज यूपी में विधानसभा चुनाव हो गए तो चंद्रशेखर की पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी. बता दें कि यूपी Tak के विश्लेषण में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं, जिन्हें आप आगे जान सकते हैं.

 चंद्रशेखर बन सकते हैं किंगमेकर?

लोगों के मन में यह सवाल है कि लोकसभा का यही चुनाव अगर विधानसभा में बदल दिए जाए तो कौन बाजी मारेगा? इस सवाल का जवाब हासिल करने के लिए यूपी तक ने सभी विधानसभाओं से जानकारी एकत्रित कर ये पता किया कि सूबे में कौन आगे रहेगा. अगर लोकसभा चुनाव के परिणाम को विधानसभा में परिवर्तित कर दिया जाए तो आज के समय में इंडिया गठबंधन (सपा और कांग्रेस) को 224, भाजपा के नेतृत्व वाले NDA को 174 और चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी को 5 सीटें मिल सकती हैं.

चंद्रशेखर ने ऐसा क्या किया कि बन गए नगीना के सांसद?

 

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हर किसी के मन में इस बात को जानने की उत्सुकता है कि चंद्रशेखर ने नगीना लोकसभा क्षेत्र के वोटरों के बीच ऐसा क्या 'जादू' किया कि पहली बार में चुनाव लड़ने पर वह वहां से जीत गए. ऐसे में यूपी Tak ने उन पत्रकारों से खास बातचीत की है, जिन्होंने चंद्रशेखर की रणनीति और सियासत को करीब से देखा है. खबर में आगे तफ्सील से उन कारणों को जानिए जो चंदशेखर की जीत की वजह बने हैं. 

 

 

नगीना में चंद्रशेखर कैसे जीते चुनाव?

यूपी Tak ने बिजनौर के वरिष्ठ पत्रकार सुनील सैनी से खास बातचीत में यह जानना चाहा कि सहारनपुर से नगीना आकर चंद्रशेखर ने ऐसा क्या किया कि वह चुनाव जीत गए. सुनील सैनी के अनुसार, चंद्रशेखर नगीना में पिछले 3 साल से सक्रिय थे. चंद्रशेखर ने पैठ बनाने के लिए लोगों के काम करवाए. मसलन चंद्रशेखर ने थाने, तहसील से लेकर सड़क बनवाने या बिजली का खंबा लगवाने जैसे छोटे मगर जरूरी काम किए. वहीं, सुनील सैनी ने हमें यह बताया कि भाजपा उम्मीदवार ओम कुमार की सियासी स्थिति और बसपा के इस क्षेत्र में बेहद कमजोर होने की वजह से यहां मतदाताओं ने चंद्रशेखर की चुनाव किया है.    

19 अप्रैल को 11 बजे के बाद क्या हुआ?

 

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सुनील सैनी ने दावा करते हुए बताया कि नगीना के मुस्लिम वोटरों ने 19 अप्रैल को मतदान वाले दिन सुबह 11 बजे के बाद एक तरफा चंद्रशेखर के पक्ष में मतदान किया. उन्होंने बताया कि दलितों ने बसपा को दरकिनार कर इस बार चंद्रशेखर को अपना नेता चुना और खुलकर उनके पक्ष में मतदान किया. कुल मिलाकर नरेश सैनी ने इस बात पर निष्कर्ष निकाला कि दलित और मुस्लिमों के गठजोड़ ने चंद्रशेखर को इस बार नगीना का सांसद बनवाया है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि दलित और मुस्लिमों के अलावा अपर कास्ट और जाट मतदाताओं ने भी चंद्रशेखर को वोट दिया है.

 

 

नगीना के मतदाताओं ने चुना विपक्ष का विकल्प
 

इसी मुद्दे पर हमने चंद्रशेखर की राजनीति को नजदीक से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार आस मोहम्मद कैफ से बातचीत की. उनका विश्लेषण यह है कि इस बार नगीना लोकसभा क्षेत्र के लोगों को विपक्ष का विकल्प चुनना था. और लोगों ने सपा और बसपा को नजरअंदाज करते हुए एक तरफा चंद्रशेखर को चुन लिया. आस मोहम्मद के अनुसार, भाजपा के वोटबैंक में कोई कमी नहीं आई है उसे उतना ही वोट मिला है जितना मिलता आया है. उन्होंने बताया कि इस बार यहां के करीब 7 लाख से ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं ने तय कर लिया था कि उन्हें सपा को न वोट देकर चंद्रशेखर को जिताना है और ऐसा हुआ भी.

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