सपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक: लोकसभा में 50 सीट जीतने का लक्ष्य, BJP को रोकने का बना ये प्लान

भाषा

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समाजवादी पार्टी (सपा) की दो-दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कोलकाता में आरंभ हुई. सपा की ये राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक काफी अहम मानी जा रही है. माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए इसी बैठक में रणनीति बनाई जाएगी. मिली जानकारी के मुताबिक, सपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर रणनीति बनाई गई है. यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से कम से कम 50 सीटे जीतने का लक्ष्य रखा गया है.

नीतियों-रणनीतियों पर की गई चर्चा

बता दें कि सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो-दिवसीय बैठक शनिवार को कोलकाता में आरंभ हुई. इस बैठक में इस साल 3 हिंदी भाषी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाई गई तो वहीं आगामी लोकसभा चुनाव का भी एडेजा तय किया गया. बता दें कि इस साल छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं.

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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा, ‘‘बैठक के पहले दिन, हमने संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा की. साल 2024 में हमारी योजना उत्तर प्रदेश में कम से कम 50 सीट जीतने की है.’’

भाजपा को रोकना लक्ष्य

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सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सपा उत्तर प्रदेश में भाजपा के रथ को रोकने के लिए सब कुछ करेगी. उन्होंने आगे कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जो भाजपा को रोक सकता है, क्योंकि उसके पास सबसे अधिक सीट हैं. पूरा देश समाजवादी पार्टी की तरफ देख रहा है. हम उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराएंगे. भाजपा ने बहुत झूठ बोला है, चाहे वह डीजल, पेट्रोल या एलपीजी की कीमतें हों या मूल्य वृद्धि हो. ऐसा लगता है कि भाजपा बड़े कारोबारी घरानों के लिए काम करती है.”

11 साल बाद कोलकाता में हो रही है बैठक

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बता दें कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कोलकाता में 11 साल के बाद हो रही है. इससे पहले समाजवादी पार्टी के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव कोलकाता में पिछली बैठक की अध्यक्षता करने के लिए शहर पहुंचे थे.

सपा को मिला टीएमसी का साथ!

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और समाजवादी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ मिलकर लड़ने पर सहमति व्यक्त की थी. मगर कांग्रेस को ऐसे किसी भी गठबंधन से बाहर रखने की बात भी कही थी. देखा जाए तो विपक्षी एकता को लेकर भी सपा-टीएमसी के प्रयास जारी हैं, लेकिन बिना कांग्रेस के ये कितनी सफल होती है, ये देखना वाली बात होगी.

सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद कहा था, ‘‘यह फैसला किया गया है कि तृणमूल और सपा, भाजपा का मिलकर मुकाबला करेंगी. दोनों दल कांग्रेस से भी दूरी बनाए रखेंगे’’

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा था कि उनकी पार्टी भाजपा और कांग्रेस के साथ समान दूरी बनाए रखने की नीति का पालन कर रही है.

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