अखिलेश यादव बोले- 80 सीटों पर लड़ेगा हमारा गठबंधन, राजभर किधर जाएंगे? इस सवाल को टाल गए
Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी के विधायक संग्राम सिंह यादव की मां के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे अखिलेश यादव ने 2024 के…
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Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी के विधायक संग्राम सिंह यादव की मां के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे अखिलेश यादव ने 2024 के चुनाव को लेकर नए दावे किए हैं. अखिलेश यादव ने पत्रकारों संग बातचीत में कहा है कि सपा और उसका गठबंधन यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. हालांकि अखिलेश यादव सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी चीफ ओम प्रकाश राजभर से जुड़े सवाल को टालते नजर आए.
अखिलेश यादव से जब पूछा कि इस चुनाव में राजभर किधर रहेंगे, तो अखिलेश ने कहा कि उनका वो जानें. सपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी अभी मैनपुरी की अपनी हार का आकलन ही नहीं कर पाई. उन्होंने महंगाई, स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव जैसे मामलों को लेकर योगी सरकार को निशाने पर भी लिया.
यूपी तक के साथ एक्सक्लूसिव बाचतीत में अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर समाजवाद के अपमान का आरोप लगाया. सपा चीफ ने कहा कि, ‘बीजेपी संविधान विरोधी है. समाजवाद का अपमान करके वे संविधान और इसके निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का भी अपमान कर रहे हैं.’
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प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड पर अखिलेश ने फिर एक बार प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने कहा कि गवाह और उसके गनर की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी थी. सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर 2024 चुनाव से पहले इस मामले को हिंदू मुस्लिम का रंग देना चाह रही है. अखिलेश ने कहा, ‘जिस सरकार को जनता ने मौका दिया, उसमें जीडीपी नीचे चली गई, एग्रिकल्चर ग्रोथ रेट नीचे चली गई. पिछड़े, दलितों का आरक्षण छीना जा रहा है. आउटसोर्स, प्राइवेटाइजेशन क्यों नहीं बंद कर रहे हैं?’ सपा चीफ ने एक बार फिर अडाणी का नाम लिए बिना भी तंज कसा.
गठबंधन में कौन-कौन? इसपर नहीं हुई कोई बात
अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में ये दावा तो जरूर किया कि उनका गठबंधन सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगा, लेकिन इसमें कौन-कौन होगा, इसे लेकर कोई बात नहीं हुई. आपको बता दें कि 2022 विधानसभा चुनाव में अखिलेश के गठबंधन पार्टनर ओपी राजभर अपनी राहें अलग कर चुके हैं. बीजेपी से उनकी बढ़ती नजदीकियों के खूब चर्चे हैं. अखिलेश भी राष्ट्रीय स्तर पर एक विकल्प बनाने के लिए पश्चिम बंगाल से लेकर तमिलनाडु-तेलंगाना एक किए हुए हैं, लेकिन प्रदेश में उनका गठबंधन अभी स्पष्ट आकार नहीं ले पाया है.
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