'भरोसा उठ चुका है, 3 में से 1 अभ्यर्थी ने नहीं दी UP पुलिस परीक्षा', अखिलेश के इस बयान से मचा हड़कंप
अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में कम उपस्थिति पर चिंता जताई. भाजपा सरकार की परीक्षा प्रणाली पर उठाए सवाल. जानें पूरा मामला.
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Akhilesh Yadav News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के पहले दिन (23 अगस्त) लगभग 1/3 अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा न देने पर चिंता व्यक्त की है. अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा छोड़ने पर अखिलेश ने सत्ताधारी योगी सरकार पर तंज के तीर कसे हैं. अखिलेश का आरोप है कि अभ्यर्थियों का भाजपा राज में परीक्षा-व्यवस्था से भरोसा उठ चुका है उन्हें अब कोई उम्मीद नहीं है.
अखिलेश ने 24 अगस्त को X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, "उप्र पुलिस भर्ती परीक्षा में लगभग 1/3 अभ्यर्थियों ने परीक्षा ही नहीं दी, सरल भाषा में कहा जाए तो हर 3 में से 1 अभ्यर्थी ने परीक्षा नहीं दी. इसका कारण भाजपा राज में परीक्षा-व्यवस्था से उठ चुका भरोसा है या भाजपा सरकार से नाउम्मीदगी है या इसका कारण कुछ और है, ये गहरे अध्ययन का विषय है."
अखिलेश यादव का यह बयान उस समय आया है जब उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर पहले ही कई विवाद चल रहे हैं। उन्होंने यह सवाल उठाया कि आखिर क्यों इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवार परीक्षा से दूर रहे? उनका मानना है कि इसके पीछे सरकार के प्रति अविश्वास और प्रशासन की कमजोरियां मुख्य कारण हो सकते हैं. यह परीक्षा-प्रणाली की खामियों और बेरोजगार युवाओं में बढ़ती नाउम्मीदगी को उजागर करता है. उन्होंने बीजेपी सरकार की नीतियों और परीक्षा-प्रणाली पर भी कटाक्ष किया, और युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ के प्रति अपनी चिंता जताई.अखिलेश यादव के इस ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है, जहां विपक्षी दलों ने भी परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.
गौरतलब है कि बता दें कि यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल के पदों पर कुल 60244 पदों पर सीधी भर्तियां होनी हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने बताया है कि लिखित परीक्षा 23, 24, 25, 30, 31 अगस्त 2024 को आयोजित कराने का फैसला लिया गया है. यह परीक्षा इसी साल फरवरी के महीने में आयोजित हुई थी. मगर धांधली की वजह से इसे निरस्त कर दिया गया था. अब फिर से पेपर लीक न हो, इसके लिए सरकार और प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है.
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