यूपी में गरमाने लगी 9 सीटों पर उपचुनाव की राजनीति, आज हुए चुनाव तो सपा-भाजपा को मिलेंगी कितनी सीटें

रजत कुमार

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यूपी में होने वाले उपचुनाव में किसका पलड़ा रहेगा भारी
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Uttar Pradesh By-Election: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद एक और सियासी जंग की पिच तैयार हो गई है. असल में यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर अब उपचुनाव होना है. सपा और कांग्रेस के इंडिया गठबंधन के हाथों यूपी में हार झेलने के बाद बीजेपी और एनडीए ने उपचुनाव को लेकर फोकस कर दिया है. उधर अखिलेश यादव भी लोकसभा विक्ट्री के मोमेंट को बरकरार रखना चाहते हैं. BJP अपनी खोई हुई ज़मीन वापस पाने के लिए यूपी में पूरी कोशिश करने जा रही है. वहीं जिन सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं आइए जानते हैं वहां फिलहाल किसका पलड़ा भारी है. 

यूपी की जिन 9 सीटों पर उपचुनाव है, उसमें करहल, मीरापुर, खैर, फूलपुर, मझवा, कुंदरकी, गाजियाबाद, कटेहरी और मिल्कीपुर सीट है. इनमें से 4 विधानसभा सीटें सपा कोटे की खाली हुई हैं तो 3 सीटें बीजेपी की रिक्त हुई हैं. इसके अलावा एक सीट आरएलडी और एक सीट निषाद पार्टी की है. यह उपचुनाव एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के लिए काफी अहमियत रखता है.

कुंदरकी विधानसभा

कुंदरकी विधानसभा, संभल लोकसभा सीट में आती है. इस सीट से समाजवादी पार्टी के जियाउर्रहमान बर्क विधायक थे लेकिन अब वो संभल से सांसद बन गए हैं. इस लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां पर सपा को 1,43,415 वोट मिले वहीं बीजेपी को 86,371 वो़ट मिले. सपा यहां से करीब 57 हजार वोटों से आगे रही. लोकसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक उपचुनाव में यहां सपा का पलड़ा भारी रह सकता है. जबकि 2022 का चुनाव सपा ने 43 हजार वोटों से इस विधानसभा सीट को जीता था. 

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खैर विधानसभा 

अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट भी बीजेपी विधायक अनूप प्रधान के इस्तीफे के बाद खाली हो गई है. अनूप प्रधान हाथरस से सांसद चुने गए हैं. उन्होंने 2,47,318 वोटों से जीत दर्ज की है. इस लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां पर सपा को 95,391 वोट मिले वहीं बीजेपी को 93,900 वो़ट मिले. सपा यहां से 1491 वोटों से आगे रही. लोकसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक उपचुनाव में यहां सपा का पलड़ा भारी रह सकता है. जबकि 2022 में खैर सीट पर बीजेपी के अनुप प्रधान बाल्मीकि ने बसपा के चारु कैन को 74 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. 

करहल विधानसभा

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद करहल विधानसभा खाली हुई है. अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद बने हैं. मैनपुरी लोकसभा में आने वाली करहल में लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां पर सपा को 1,34,049 वोट मिले वहीं बीजेपी को 76,509 वो़ट मिले. सपा यहां से करीब 57 हजार वोटों से आगे रही. लोकसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक उपचुनाव में यहां सपा का पलड़ा भारी रह सकता है. 2022 में अखिलेश यादव नें विधानसभा में 67 हजार से जीत दर्ज की थी. 

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मझवा विधानसभा

मिर्जापुर लोकसभा मेंआने वाली मझवा बीजेपी के सहयोगी निषाद पार्टी के विधायक विनोद बिंद के इस्तीफे के बाद खाली हुई है. विनोद बिंद बीजेपी के टिकट पर भदोही लोकसभा सीट से जीत दर्ज की हैं. मझवा में लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां पर सपा को 92,299 वोट मिले वहीं बीजेपी के सहयोगी अपना दल (S) को  94,061 वो़ट मिले. भाजपा सहयोगी यहां से 17, 62वोटों से आगे रहे. लोकसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक उपचुनाव में यहां भाजपा सहयोगी का पलड़ा भारी रह सकता है. 2022 चुनाव में निषाद पार्टी ने करीब 33 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी.


फूलपुर विधानसभा

फूलपुर विधानसभा से बीजेपी के प्रवीण पटेल विधायक थे, जो 2024 के लोकसभा में सांसद चुने गए हैं. इस लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां से सपा को भाजपा के मुकाबले 18  हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. बता दें कि 2022 के  विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने तीन हजार वोट से दर्ज की थी.

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मिल्कीपुर विधानसभा 

फैजाबाद लोकसभा में आने वाली मिल्कीपुर विधानसभा, सपा के अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद खाली हुई है. अवधेश प्रसाद अब फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद हैं. इस लोकसभा चुनाव की बात करें तो मिल्कीपुर विधानसभा में सपा को भाजपा के मुकाबले सात हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. वहीं 2022 विधानसभा चुनाव में यहां सपा के अवधेश वर्मा ने बीजेपी के बाबा गोरखनाथ को 12 हजार 923 वोटों से चुनाव हराया था. 


मीरापुर विधानसभा 

मीरापुर विधानसभा से रालोद के  चंदन चौहान विधायक थे, जो इस बार बिजनौर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं. इस लोकसभा के नतीजों की बात करें तो मीरापुर विधानसभा में रालोद को 72,320 वोट मिले तो वहीं सपा के दीपक सैनी को  63,351 वोट मिले. भाजपा सहयोगी इस सीट से करीब 9 हजार वोट से आगे रहे. इस नतीजे के आधार पर कहा जा सका है कि उपचुनाव में फिलहाल यहां से भाजपा सहयोगी का पलड़ा भारी है. 2022 में रालोद ने सपा के साथ चुनाव लड़ा था, तब वो इस सीट पर 27 हजार वोटो से आगे थे. इस बार रालोद का बीजेपी के साथ गठबंधन हैं. 

गाजियाबाद विधानसभा

गाजियाबाद विधानसभा सीट बीजेपी के अतुल गर्ग के इस्तीफे के बाद खाली हुई है.अतुलगर्ग अब गाजियाबाद से सांसद हैं. इस लोकसभा चुनाव की बात करें तो गाजियाबाद विधानसभा सीट पर 1,37, 206 वोट मिले वहीं कांग्रेस की डॉली शर्मा को  73, 950 वोट मिले. भाजपा इस सीट से करीब 63  हजार वोट से आगे रहा. इस नतीजे के आधार पर कहा जा सका है कि उपचुनाव में फिलहाल यहां से भाजपा सहयोगी का पलड़ा भारी है. 2022 के विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी ने एक लाख से ज़्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी. 
 

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