राज्यसभा की तरह यूपी MLC चुनाव में भी होगा खेला! अखिलेश को फिर सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर, देखें आंकड़े
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले यूपी में विधान परिषद की 13 सीटों के लिए चुनाव होना है. उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 13 सीटों पर 21 मार्च को वोट डाले जाएंगे और नतीजे भी उसी दिन आएंगे.
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Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव के ठीक पहले यूपी में विधान परिषद की 13 सीटों के लिए चुनाव होना है. उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 13 सीटों पर 21 मार्च को वोट डाले जाएंगे और नतीजे भी उसी दिन आएंगे. वहीं राज्यसभा चुनाव के बाद एक बार फिर वह मौका आ गया है जब समाजवादी पार्टी के लिए इंतहान की घड़ी है या यूं कहें कि एक बार फिर क्रॉस वोटिंग से बचने की कवायद.
बता दें कि विधायकों की संख्या के हिसाब से देखें तो विधानपरिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी के तीन एमएलसी सीटें जीत सकती हैं. लेकिन राज्यसभा चुनाव में जिस तरह से सपा विधायकों ने पाला बदला और क्रॉस वोटिंग की उससे पार्टी कहीं न कहीं असमंजस की स्थिति में है.
क्या कह रहे हैं आंकड़े
यूपी में विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, बलराम यादव और गुड्डू जमाली को टिकट दे सकती है. यूपी में विधान परिषद की 13 सीटों पर 21 मार्च को चुनाव होना है. इन 13 सीटों में 10 सीट बीजेपी को वहीं 3 सपा को मिलनी तय मानी जा रही है. हालांकि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने सपा को तीसरी सीट पर झटका दिया था. ऐसे में विधान परिषद चुनाव में भी नज़र इसपर है कि बीजेपी क्या 11वां प्रत्याशी भी मैदान में उतारेगी या नहीं.
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सपा इनपर लगा सकती है दाव
गुड्डू जमाली पिछले ही महीने बहुजन समाज पार्टी छोड़ सपा में आए हैं. गुड्डू जमाली वही शख्स हैं जिनके चुनाव लड़ने की वजह से आजमगढ़ में 2022 में सपा को उपचुनाव में हार झेलनी पड़ी थी. तो बलराम यादव भी आजमगढ़ से हैं. वह मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और उनके बेटे संग्राम यादव भी विधायक हैं. आंकड़ों के मुताबिक, विधायकों की संख्या बल के मुताबिक बीजेपी 10 एमएलसी सीटें और सपा 3 एमएलसी सीटें जीत सकती है.
ऐसे हैं चुनावी समीकरण
बता दें कि उत्तर प्रदेश की जिन 13 एमएलसी का कार्यकाल पूरा हो रहा है. उसमें 10 सदस्य भारतीय जनता पार्टी, एक सदस्य अनुप्रिया पटेल का अपना दल, एक समाजवादी पार्टी और एक बहुजन समाज पार्टी का सदस्य है. विधान परिषद के चुनाव में विधानसभा के सदस्य वोट देते हैं. विधान परिषद की 13 सीटों पर हो रहे चुनाव में एक सीट के लिए 29 विधायकों का वोट चाहिए और अगर इस लिहाज़ से देखा जाए तो बीजेपी 10 और सपा तीन सीटें जीत सकती हैं.
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बीजेपी कर सकती है खेला
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी अपने सहयोगी दलों को साधे रखने के लिए एक-एक सीट अपना दल और आरएलडी को दे सकती है. एनडीए के पास यूपी में फिलहाल 288 विधायकों का समर्थन हासिल है और राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले सभा विधायक भी उनके साथ में ही है. यूपी में एमएलसी समीकरण की बात की जाए तो यूपी विधानसभा के कुल 403 सदस्यों में से फिलहाल 399 सदस्य हैं. राज्यसभा की तरह एमएलसी चुनाव का फॉर्मूला होता है. एक एमएलसी सीट के लिए 29 वोट चाहिए होते हैं.
अखिलेश के सामने बड़ी चुनौती
एक ओर यूपी में बीजेपी के पास 252, अपना दल 13, आरएलडी के 9, निषाद पार्टी 6 , सुभासपा 6 और राजा भैया के दो विधायकों का समर्थन है. कुल मिलाकर भाजपा वाले एनडीए के पास 288 विधायक हो रहे हैं तो वहीं सपा के पास 108 विधायक हैं और कांग्रेस के पास दो विधायक हैं इस तरह सपा को 110 विधायक का समर्थन मिलता दिख रहा है. लेकिन जिस तरह राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई है उसके चलते सपा को अपने ही विधायकों के पूरे वोट मिल भी पाएंगे या नहीं इसको लेकर पार्टी में जद्दोजेहद जारी है. फिलहाल अखिलेश यादव रणनीति बनाने में लगे हैं कि किस तरह से अपने ही विधायक को द्वारा क्रॉस वोटिंग को रोका जा सके.
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