UP Nagar Nikay Chunav: जानिए गाजियाबाद मेयर चुनाव में BJP के दबदबे की पूरी कहानी
Ghaziabad Mayor election news: यूपी में अब धीरे-धीरे नगर निकाय चुनावों की सुगबुगाहट तेज हो गई है. कभी भी निकाय चुनावों (Uttar Pradesh Nagar Nikay…
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Ghaziabad Mayor election news: यूपी में अब धीरे-धीरे नगर निकाय चुनावों की सुगबुगाहट तेज हो गई है. कभी भी निकाय चुनावों (Uttar Pradesh Nagar Nikay Chunav news) की तारीख का ऐलान हो सकता है और आचार संहिता लागू हो सकती है. इसी क्रम में हम आपको यूपी के नगर निगम, मेयर के चुनाव और यहां की राजनीति के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं. इसी क्रम में आज जानिए गाजियाबाद नगर निगम और यहां मेयर चुनाव के इतिहास-वर्तमान के बारे में.
गाजियाबाद में नगर निगम के गठन के बाद से लगातार भाजपा का दबदबा रहा है और कमल यहां से खिलता रहा है. गाजियाबाद में नगर निगम का गठन 1995 में हुआ था और मेयर पद का पहला चुनाव 1996 में हुआ था. इसके बाद से लगातार छह बार गाजियाबाद नगर निगम पर भाजपा का कब्जा रहा. यहां के वोटर्स ने अन्य पार्टियों पर हमेशा भाजपा को जीत दिला वरीयता दी है. अक्सर देखने में आया कि भले ही उत्तर प्रदेश में सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, लेकिन गाजियाबाद नगर निगम पर भाजपा का ही परचम लहराता रहा है.
पिछले 2017 के मेयर चुनाव के नतीजे
2017 में गाजियाबाद नगर निगम सीट महिला आरक्षित हुई तो भाजपा ने अपने पुरानी कार्यकर्ता आशा शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा. आशा शर्मा ने यहां से बड़ी जीत दर्ज की. पिछले यूपी नगर निकाय चुनाव में यहां से मेयर पद के प्रत्याशी आशा शर्मा ने 163000 मतों से जीत हासिल की. आशा शर्मा को कुल 282732 वोट मिले, वहीं कांग्रेस की डॉली शर्मा पिछले निकाय चुनाव में दूसरे स्थान पर रहीं. उन्हें कुल 119091 वोट मिले. बसपा की मुन्नी चौधरी को 77001 हजार वोट मिले थे.
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गाजियाबाद मेयर चुनाव टाइमलाइन (Ghaziabad mayor election timeline)
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गाजियाबाद में पहली बार 1995 में मेयर पद का चुनाव हुआ था. तब भाजपा के वरिष्ठ नेता दिनेश चंद्र गर्ग भाजपा से प्रत्याशी बने विजयी रहे.
लगातार दूसरी बार साल 2000 में गाजियाबाद के वोटर्स ने दिनेश चंद्र गर्गा को ही महापौर चुनाय.
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साल 2006 निकाय चुनाव में यहां सीट महिला के लिए आरक्षित हुई तब भाजपा की दमयंती गोयल ने एक बार फिर यहां से जीत का परचम लहराया.
साल 2012 में भाजपा ने अपने बुजुर्ग नेता तेलू राम कंबोज को चुनाव मैदान में उतारा, जिन्होंने फिर जीत हासिल की.
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उनके निधन के बाद उपचुनाव हुआ. इसमें भी भाजपा के आशु वर्मा गाजियाबाद के महापौर चुने गए.
2017 में मेयर सीट महिला के लिए आरक्षित हुई तो भाजपा ने आशा शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा.
आशा शर्मा 25 वर्षों से अधिक समय से भाजपा की कार्यकर्ता हैं और 2 बार पूर्व पार्षद रहने के साथ वह भाजपा की महिला विंग की राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुकी थीं.
उन्होंने बीते 2017 निकाय चुनाव में गाजियाबाद मेयर पद पर एक बड़ी जीत हासिल की.
गाजियाबाद नगर निगम में किस पार्टी के पास कितने वॉर्ड
कुल वार्ड 100
बीजेपी 61
एसपी 05
बीएसपी 12
कांग्रेस 15
अन्य 7
साफ है कि गाजियाबाद निकाय के अस्तित्व में आने के बाद से यहां भाजपा का वर्चस्व रहा है. अब देखना है कि इस बार के आगामी निकाय चुनाव में भाजपा अपनी जीत के इस क्रम को बरकरार रख पाती है या नहीं.
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