RSS चीफ मोहन भागवत के बयान से खुश हुए शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के यासूब अब्बास, ये सब बोल गए
Yasoob Abbas on Mohan Bhagwat Statement: हाल ही के दिनों में उत्तर प्रदेश से कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पर मस्जिदों के मंदिर होने का दावा किया गया है.ये विवाद खासकर धार्मिक स्थलों के स्वामित्व और उनके ऐतिहासिक महत्व को लेकर उठ रहे हैं
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Yasoob Abbas on Mohan Bhagwat Statement: हाल ही के दिनों में उत्तर प्रदेश से कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पर मस्जिदों के मंदिर होने का दावा किया गया है.ये विवाद खासकर धार्मिक स्थलों के स्वामित्व और उनके ऐतिहासिक महत्व को लेकर उठ रहे हैं. यहां गौर करने वाली बात यह है कि पिछले महीने संभल जिले में इसी मुद्दे को लेकर सांप्रदायिक तनाव इतना बढ़ा कि 4 लोगों की मौत हो गई. इसी के बाद से यूपी की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर गहरी चिंता जताई है. वहीं, RSS चीफ मोहन भागवत के बयान से 'खुश' होकर शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के यासूब अब्बास ने बड़ा बयान दिया है.
यह देश की एकता के लिए बिल्कुल ठीक नहीं: यासूब अब्बास
उन्होंने कहा, "मैं RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान का स्वागत करता हूं. हर मस्जिद के नीचे मूर्ति तलाश करना, हर मजार के नीचे मंदिर तलाश करना यह देश की एकता के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है. एक जगह मंदिर बन गया लेकिन अब मुल्क के माहौल को खराब किया जा रहा है. कुछ बाहरी ताकते हैं, जो पूरी तरह से दोनों तरफ काम कर रही हैं. वो एक तरफ हिंदुओं से कह रही हैं कि तुम मूर्ति ढूंढो, तुम शिवलिंग ढूंढो और दूसरी तरफ मुसलमान से कहती हैं कि तुम इसका विरोध करो अल्लाह हू अकबर के नारे लगाओ."
यासूब अब्बास ने कहा, "कल ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में भी यही निर्णय लिया गया कि इस वक्त देश के लिए जरूरी है कि मंदिर मस्जिद जहां इंसान मन की शांति के लिए जाता है उसको विवाद में ना खींचा जाए उसको सियासत में ना लाया जाए. जहां मंदिर बन गया वहां मंदिर है. जहां मस्जिद बन गई वहां मस्जिद है. यहां इंसान शांति के लिए जा रहा है. वहीं अगर इंसानियत का खून गिरने लगे तो इंसान कहां जाएगा. हम लोगों ने अपनी बैठक में इसकी आवाज उठाई कि यह सब बंद होना चाहिए."
उन्होंने आगे कहा, "कुछ लोग चीप पब्लिसिटी के लिए नेता बनने के लिए इस तरीके के मुद्दे उठा रहे हैं, ताकि किसी न किसी तरीके से सियासत में आ जाएं. कहीं से सांसद हो जाएं, कहीं से एमएलसी बन जाएं. हिंदू हो या मुस्लिम सभी धर्म किसी भी जीव को मारने की इजाजत नहीं देता है और इस्लाम कहता है जिसने इंसान की जान ली उसने पूरी इंसानियत की जान ली है."
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मोहन भागवत ने ये सब कहा
बता दें कि गुरुवार को सहजीवन व्याख्यानमाला में ‘भारत-विश्वगुरु’ विषय पर व्याख्यान देते हुए आरएसएस प्रमुख ने समावेशी समाज की वकालत की और कहा कि दुनिया को यह दिखाने की जरूरत है कि देश सद्भावना के साथ एक साथ रह सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि 'केवल हम ही ऐसा कर सकते हैं क्योंकि हम हिंदू हैं.'
भागवत ने कहा, "हमारे यहां हमारी ही बातें सही, बाकी सब गलत यह चलेगा नहीं. अलग-अलग मुद्दे रहें, तब भी हम सब मिलजुल कर रहेंगे. हमारी वजह से दूसरों को तकलीफ न हो इस बात का ख्याल रखेंगे. जितनी श्रद्धा मेरी मेरी खुद की बातों में है, उतनी श्रद्धा मेरी दूसरों की बातों में भी रहनी चाहिए. हमें यह व्यवहार पालन करना होगा और मतों की भिन्नता नहीं चलेगी. लोभ लालच आक्रमण करके दूसरों की देवी देवताओं की विडंबना करना यह नहीं चलेगा."
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद विवादों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे सामाजिक और राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है. ये विवाद खासकर धार्मिक स्थलों के स्वामित्व और उनके ऐतिहासिक महत्व को लेकर उठ रहे हैं. प्रमुख मामलों की बात करें तो:
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ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (वाराणसी)
वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद मामला सबसे चर्चित रहा है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर के ऊपर बनाई गई थी. मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा इस विवाद को और गहरा कर चुका है.
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कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद (मथुरा)
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद का विवाद भी पुराना है. हिंदू संगठनों का कहना है कि मस्जिद मंदिर की भूमि पर बनाई गई थी. इस मामले को लेकर अदालतों में याचिकाएं भी दायर की गई हैं.
शम्सी जामा मस्जिद (बदायूं)
यूपी के बदायूं में 13वीं ईस्वी में शमसुद्दीन इल्तुतमिश ने इस मस्जिद को बनवाया था. 2022 में हिंदू संगठनों ने दावा किया था कि ये मस्जिद नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी. हिंदू संगठनों ने यहां पूजा करने का अधिकार मांगा है. इस मामले की सुनवाई इसी महीने होने वाली है.
जामा मस्जिद (संभल)
यूपी के संभल में बनी जामा मस्जिद को लेकर पिछले महीने बड़ा बवाल हुआ था. हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि 1526 में बाबर ने मंदिर तोड़कर इसे बनाया था. पहले यहां हरिहर मंदिर हुआ करता था. हिंदू पक्ष की याचिका पर निचली अदालत ने सर्वे का आदेश भी दे दिया था. इसका सर्वे भी हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां सुनवाई पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. अगले महीने सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होनी है.
जामा मस्जिद (फतेहपुर सीकरी)
आगरा से 40 किलोमीटर दूर फतेहपुर सीकरी में बनी जामा मस्जिद को लेकर हाल ही में हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि यहां पहले कामाख्या देवी का मंदिर हुआ करता था. दावा किया गया है कि मस्जिद के नीचे कटरा केशव देव की मूर्तियां हैं. हिंदू पक्ष ने मस्जिद पर अपना अधिकार मांगा है. मामला आगरा की अदालत में है.
गंगा महारानी मंदिर विवाद (बरेली)
हाल ही में बरेली में गंगा महारानी मंदिर पर मुस्लिम समुदाय के कथित कब्जे का मामला सामने आया. मंदिर की मूर्तियों को हटाने का आरोप भी लगा, जिसके बाद यह विवाद चर्चा में आ गया.
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