महिला पहलवानों के आरोपों से घिरे बृजभूषण शरण सिंह को क्या BJP देगी टिकट? जानिए
महिला पहलवानों के आरोपों से घिरे बृजभूषण शरण सिंह को क्या बीजेपी अपना उम्मीदवार बनाएगी या बीजेपी किसी और चेहरे पर दांव लगाएगी?
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महिला पहलवानों के गंभीर आरोपों से विवाद में घिरे बृजभूषण शरण सिंह लगातार ये दावा कर रहे हैं कि वह 2024 का चुनाव बीजेपी से ही लड़ेंगे और अपने चुनाव क्षेत्र कैसरगंज से ही लड़ेंगे.लेकिन सवाल यह है कि महिला पहलवानों के प्रकरण में जांच का सामना कर रहे बृजभूषण शरण सिंह को क्या बीजेपी अपना उम्मीदवार बनाएगी या बीजेपी किसी और चेहरे पर दांव लगाएगी.
बृजभूषण शरण सिंह पूरी तरीके से आश्वस्त हैं कि साल 2024 का चुनाव को एक बार फिर भाजपा के चुनाव चिन्ह से ही जीतेंगे. अभी दो दिन पहले बृजभूषण शरण सिंह की मुलाकात अमित शाह से हुई. बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सूत्रों के मुताबिक, यह बातचीत देवीपाटन इलाके के लगभग आधा दर्जन सीटों पर 2024 के चुनाव को लेकर चर्चा की गई.
दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह देवीपाटन इलाके में अच्छा प्रभाव रखते हैं. गोंडा, कैसरगंज, बलरामपुर, बहराइच, अयोध्या जैसी सीटों पर बृजभूषण शरण सिंह का अपना भी प्रभाव है. यही वजह है कि महिला पहलवानों के गंभीर आरोपों के बावजूद भाजपा बृजभूषण शरण सिंह को लेकर फूंक-फूंक कर अपने कदम रखती रही और तभी शायद बृजभूषण शरण सिंह गंभीर आरोपों के बावजूद जेल नहीं भेजे गए.
इसी दौरान यह भी चर्चा गर्म रही कि अगर बीजेपी ने उन्हें जानबूझकर फंसाया या जेल भेजा तो समाजवादी पार्टी बृजभूषण को हाथों-हाथ लपक लेगी और यह हालत दिखाई भी दी जब महिला पहलवानों के धरने के बावजूद कोई भी समाजवादी पार्टी का नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खुलकर नहीं आया. इसके लिए बृजभूषण शरण सिंह ने सपा का और खासकर अखिलेश यादव का धन्यवाद भी किया.
एक चर्चा दबे स्वर में सुनाई दे रही है कि कहीं महिला आरक्षण बिल और महिलाओं को लेकर बड़े ऐलान और बड़े-बड़े दावे कर पीएम आखिरी वक्त में उन्हें टिकट से महरूम ना कर दें. ऐसे में कोई भी पार्टी बृजभूषण शरण सिंह को अपना उम्मीदवार बना सकती है, क्योंकि तब बृजभूषण शरण सिंह के प्रभाव का इस्तेमाल गोंडा, कैसरगंज के अलावा आसपास की कई सीटों पर हो सकता है.
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बीजेपी भी इस खतरे को जान रही है. यही वह वजह है जिससे यह माना जा रहा है कि बृजभूषण शरण सिंह एक बार फिर कैसरगंज से भाजपा से दावेदार होंगे. अगर किसी सूरत में उन्हें टिकट नहीं मिला तो फिर भाजपा उनके किसी रिश्तेदार या फिर उनके कहने पर ही टिकट देगी. हालांकि, इसकी संभावना कम दिखाई देती है.
साल 1991 से अभी तक बृजभूषण शरण सिंह छह बार सांसद रह चुके हैं, जिसमें तीन बार कैसरगंज, दो बार गोंडा और एक बार बलरामपुर से वह सांसद रहे. एक बार उनकी पत्नी भी जीती है. बृजभूषण सिंह का बेटा बीजेपी से विधायक हैं. बृजभूषण शरण सिंह अपने इलाके के दबंग ठाकुर नेता हैं. कई दर्जन शिक्षण संस्थानों खासकर स्कूल और कॉलेज के मालिक हैं, जिससे उनका प्रभाव लगभग हर घर तक माना जाता है.
महिला पहलवानों का एक भी आरोप सिद्ध होने पर फांसी पर खुद चढ़ जाने का दावा करने वाले कैसरगंज से भाजपा सांसद ब्रिज भूषण सिंह बाहुबल धनबल से बहुत मजबूत है. इनका चुनावी मैनेजमेंट अपने कॉलेजों के बदौलत शानदार है, इसलिए यह जिताऊ कैंडिडेट माने जाते हैं.
आगामी 5 राज्यों के विधानसभा नतीजों से भी बहुत कुछ तय होगा कि पार्टी अपने जिताऊ कैंडिडेटस को ओवरलुक कर पाने की स्थिति में रहेगी या नहीं. हालांकि, सांसद बृजभूषण सिंह अपने कई रैलियां में यह दावा कर चुके हैं कि मैं कैसरगंज से ही लडूंगा और मेरा टिकट कौन काट रहा है नाम बताओ, जैसे बयान उनके चर्चा में थे यह उनका कॉन्फिडेंस बोल रहा है या अंदरुनी बेचैनी फिलहाल सांसद बृजभूषण का पार्टी से टिकट पहलवानों से विवाद के कोर्ट के फैसले पर भी निर्भर करेगा.
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