अतीक अहमद का करीबी और उमेश पाल हत्याकांड में शामिल नफीस बिरयानी की हुई मौत, कौन है ये?
अतीक अहमद और अशरफ के करीबी और उमेश पाल हत्याकांड में शामिल नफीस बिरयानी की मौत हो गई है.
ADVERTISEMENT
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से बड़ी खबर सामने आ रही है. माफिया डॉन अतीक अहमद (Atiq Ahmed News) का बहुत करीबी और फाइनेंसर नफीस अनवर उर्फ नफीस बिरयानी की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि नफीस अनवर की मौत हार्ट अटैक से हुई है. नफीस को बीते दिन ही सीने में दर्द होने की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. मगर अब खबर आई है कि नफीस की मौत हो गई है.
बता दें कि नफीस अनवर पूरे क्षेत्र में नफीस बिरयानी के नाम से जाना जाता था. नफीस, अतीक और अशरफ का काफी करीबी था और उमेश पाल शूटआउट को लेकर जेल में बंद था. नफीस के पास अतीक और अशरफ के ऐसे बहुत से राज थे, जो सिर्फ अतीक-अशरफ और नफीस ही जानते थे. पुलिस के मुताबिक, पहली नजर में ये मौत हार्ट अटैक से हुई है. फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया है. पुलिस द्वारा पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है.
बीते रविवार हुई थी तबीयत खराब
मिली जानकारी के मुताबिक, नफीस बिरयानी की बीते रविवार नैनी सेंट्रल जेल में अचानक तबीयत खराब हो गई थी. उसे कल ही अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. बताया जा रहा है कि यहां इलाज के दौरान देर रात उसकी मौत हो गई. नफीस बिरयानी की मौत के बाद पुलिस ने बकायदा प्रेस रिलीज जारी करते हुए ये जानकारी दी.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
आखिर कौन था अतीक का सबसे करीबी नफीस बिरयानी?
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज के करेली में रहने वाला नफीस बिरयानी शुरुआती दौर में बेहद आर्थिक कमजोरी से गुजरा था. कहा जाता है कि नफीस बिरयानी ने अपनी एक बिरयानी की दुकान प्रयागराज के करेली में ही ठेले पर लगाई थी. ठेले पर बिरयानी बेचने के लिए उसकी बहन ने अपने सोने के जेवरात तक बेच दिए थे. मगर उसका ये व्यापार चल नहीं सका.
कहा जाता है कि इसी दौरान एक दिन अतीक के भाई अशरफ ने नफीस की बिरयानी खा ली और उसे बिरयानी का स्वाद काफी पसंद आ गया. ऐसे में अशरफ ने नफीस की दुकान सिविल लाइंस में खुलवा दी. यहीं से नफीस बिरयानी की दुकान फेंमस हो गई और दूर-दूर से लोग उसकी बिरयानी खाने के लिए आने लगे.
ADVERTISEMENT
अशरफ की मदद से बड़ा आदमी बन गया नफीस बिरयानी
नफीस बिरयानी की अशरफ से काफी अच्छी दोस्ती थी. अशरफ को बिरयानी बहुत पसंद थी. ऐसे में अशरफ ने नफीस को एक दुकान सिविल लाइंस में खुलवा दी. यह दुकान भी काफी चलने लगी और नफीस बिरयानी एक बड़े कारोबारी के तौर पर क्षेत्र में उभरकर सामने आया.
कुछ ही समय में नफीस अतीक और अशरफ का करीबी बन गया और अशरफ का नाम नफीस के नाम के साथ जोड़ा जाने लगा. मगर उमेश पाल केस में नफीस भी फंस गया.
ADVERTISEMENT
शूटआउट में आया नाम
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड की बात सामने आई तो नफीस बिरयानी का भी नाम इस केस में सामने आया. जांच में सामने आया कि नफीस अतीक-अशरफ को मोटा पैसा उपलब्ध करवाता था. वह इन दोनों का फाइनेंसर था. इस दौरान पुलिस ने नफीस की कार को भी जब्त कर लिया, जिसके बारे में कहा जाता है कि इस कार का इस्तेमाल भी उमेश पाल शूटआउट में हुआ था.
इसके बाद पुलिस नफीस की तलाश करने लगी. हाल ही में पुलिस ने एक एनकाउंट के बाद नफीस बिरयानी को अरेसट किया था. इस एनकाउंट में पुलिस ने नफीस के पैर में गोली मार दी. नफीस के 2 साथी फरार होने में कामयाब रहे. पुलिस ने नफीस को जेल भेज दिया था. मगर यहां बीते रविवार को उसकी तबीयत खराब हो गई और देर रात उसकी मौत हो गई. बता दें कि पुलिस ने नफीस बिरयानी के ऊपर इनाम भी रखा था.
ADVERTISEMENT